Book Title: Silakkhandhavagga Tika
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri
View full book text ________________
[४०]
दीघनिकाये सीलक्खन्धवग्गटीका
[स-स]
सीलक्खन्धपुब्बङ्गमो-८ सीलक्खन्धो-१७०,३४२ सीलझानद्वयेन-८३ सीलदिट्ठादीनं-१४ सीलन्ति-६९, १७९, २१४, २४९, २७०, २८३ सीलपञआकथावण्णना-२८२ सीलपजाणन्ति-२८३ सीलपारमिता-६३ सीलपारमियो-८३ सीलपारिसुद्धिं-६९ सोलमत्तकन्ति-५६, १७२ सीलमयन्ति-१३ सीलवतो-५६,६८, ६९ सीलवा-६८,६९, २७९, २८२, ३३३ सीलवित्थारकथा-१६ सीलविसुद्धि-१६७ सीलविसोधने -३१९ सीलसमाधिपाक्खन्धा-११ सीलसमाधिपावसेनाति-२५५ सीलसमाधिविपस्सनातिआदि-२१० सीलसम्पदा-६९,७१, २९६,३१५ सीलसम्पन्नो-२४९ सीलसंवरो-७४,३१२ सीलादिचतुक्कं-७५ सीलादिधम्मा-७३ सीलानीति-६८ सीलेनधोताति-२८३ सीसविरेचनं-११६ सीहकुमारो-१५ सीहनादन्ति-३१२ सीहट्ठकथायं-४७ सीहळदीपवासीनं-१५ सीहळभासं-१५ सीहळो-१५ सीहोति-३१७ सुकुमाराति-१०७
सुक्कपक्खन्ति-१९५ सुक्खविपस्सकखीणासवपरियन्तानं-२१ सुखन्ति-१८२, २१७, २३४, २३७, ३३६ सुखविपाकाति-१९५ सुखविहारोति-३३६ सुखवेदनाय-२२९ सुखसीलो-७८ सुखुमसचा-३२५ सुखुमाति-३२५ सुगतियन्ति-२७५ सुगतोति-३२३ सुगम्भीराति-१२२ सुचिभूतेनाति-१०३ सुजन्ति-२८२ सुजातोति-२७८ सुञतापकासनं-११७ सुचन्ति-१३७,२२६ सुञभावन्ति-१०६ सुञागारन्ति-३१६ सुतकवि-११५ सुतमयजाणं-३३० सुतवोहारो-३८ सुत्वाति-२९७ सुत्तगुळेति-१९९ सुत्तङ्गसङ्गहो-२९, ३० सुत्तदेसनाति-५२ सुत्तनिक्खेपो-५१, ५२ सुत्तन्ति-१४,२५,३० सुत्तसन्धि- १७२ सुत्ताणाति-२५ सुद्धकोसेय्यन्ति-११३ सुद्धपरियायो-३४३ सुद्धविपस्सना-३३६ सुद्धस्साति-१८७ सुधम्मतन्ति-२४७ सुनिपुणविनिच्छया-१५
40
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444