Book Title: Silakkhandhavagga Tika
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri
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[१६]
दीघनिकाये सीलक्खन्धवग्गटीका
[छ-ज]
चिन्तामणि-३४५ चिन्तामयज्ञाणसंवद्धिता-२३८ चिरकालट्ठितियाति-१६ चिरहितत्थन्ति-१५ चिरनिक्खन्तोति-३५९ चीनपिठ्ठचुण्णं-४७ चुतिचित्तं-१५४, ३४९ चुतिमत्तमेवाति-१५३ चूळगन्धारी-३४५ चूळसीलं-१११, २१४ चेतनालक्खणन्ति- ९४ चेतन्ति-१२५ चेतसिकगेलअन्ति-२२९ चेतसिकदुक्खन्ति-१७७ चेतसिकन्ति-३४५ चेतसोति-१६९ चेतियङ्गणेति-१८६ चेतियरटेति-३४१ चेतिरट्ठतो-३४१ चेतोविमुत्तीति-३०१ चेतोसमाधि-१४०,१८४ चेलकाति-१९४ चोरकण्टकेहि-२८६
जनपदत्यावरियप्पत्तो-२५९ जनपदिनोति-२५३ जनसङ्गहत्यन्ति-२१६ जनाति-१२४ जनितस्मिन्ति-२७० जनेतस्मिं-२७० जयधजं-१९४ जलन्ति-२४१ जवनं-२२१,२२४ जागरितं-२२४ जागरियानुयोगो-७४ जातन्ति-३१४ जातसंवड्डोति-३५९ जातिसिद्धन्ति-२९५ जानता-४८,४९, ५१ । जानतोति-३३१ जायम्पतिकाति-२१२ जिगुच्छतीति-३१६ जिण्णोति-२७९ जितन्ति-१९७ जिनचक्के - १९७ जिनोति-८८,१८८,१९९ जीवको-१९१ जीवन्ति-१९४ जीवितक्खयं-२२३ जीवितपरिच्चागो-८३ जीवितिन्द्रियन्ति-९९ जुतीति-२१२ जेगुच्छं -३१६ जेट्टकन्ति-२९६ जेतवनविहारं - २२
छकामावचरदेवलोको-२०९ छट्ठाभिञा-२३६ छत्तेति-९१ छन्दरागप्पहानं-१३४ छन्दोका-३५५ छब्बण्णरस्मियो-४७ छम्भितत्तन्ति - २३०,३५९ छळभिज्ञाचतुप्पटिसम्भिदादीनं-२९ छायारूपकमत्तन्ति-२७४ छेकोति-२३३
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