Book Title: Silakkhandhavagga Tika
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri

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Page 415
________________ [३०] महाविष्फारन्ति - २४९ महाविहारवासिनो - १५ महावीरो - २६६ महासतिपट्ठानसुत्ते - २२३ महासमणो - ५९ महासमयोति - ४१ महासमुद्देति - ११८ महासमुद्दो - ५८, २०७ महासालोति - ३४४ महासीलन्ति - २१४ महिन्देन - २६६ महेसक्खतरोति - १४० महेसोति - १४० महोघो - २९२ मानद्धजं - २६४ माननिम्मदनत्यन्ति - २६३ मानन्ति - ३५१ मारवाहिनी - १२ मारसेनमथना - १२ मासपुण्णता - १८७ मासुरक्खो - ११५ माळो - २२७ मिगपक्खीनन्ति - २८५ मिच्छत्तधम्मा- २४३ मिच्छाचारो - १०४ मिच्छाजीवा - १८२ मिच्छात्राणं - २४९ मिच्छादरसनन्ति - १३६ मिच्छादिट्टि - २४३ मिच्छाधिमानो - ७९ मिच्छामग्गा - २४३ मिच्छावणिज्जाति - २५० मिच्छावितक्को ६७ मिच्छासतीति - २०१ मिच्छासमाधि - २०१ मिद्धसुखं - २१७ Jain Education International दीघनिकाये सीलक्खन्धवग्गटीका मुखदोसोति - २३७ मुखमत्तदस्सनं - ५१ मुच्छाकारन्ति - ३५७ मुञ्चितुकम्यता - ९३ मुण्डकाति - २६३ मुत्तचागो - २८८ मुत्तहरीतकन्ति मुत्तोति - २३० मुदिन्द्रियो - १८२ मुदुकायाति - ३०९ - २२५ मुदुचित्ता -- ३१७ मुदुभावो - २७४ मुनाति - ६० मुसावादलक्खणं - १०५ मुसावादादिभयेन - १४६ मुसावादो - १०५, १९६ मूलचरिया - २६ मूलपरिञा - २२१ मूलबीजन्ति - ११२ सज्जानि - ११६ मूललक्खणं - ९५ मूळ्हपुग्गला – २०१ मेघवण्णन्ति - ३२० मेत्तचित्तता - १०३ मेत्तचित्तो - १०३ मेत्ताकम्मट्ठानं १-५८ मेत्तादिविहारीति - ३६० 30 मेत्तापारमिता - ६३ तापारमी - ८३ मेत्ताभावना - ६५ त्ताभावनानुयोगो - २३१ ताविद्धित - ६३ त्ताविहारी - ६३, ७८ थुनाति - १०४ मेधावी - २८९ मोक्खीति - ३३४ For Private & Personal Use Only [म-म] www.jainelibrary.org

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