Book Title: Silakkhandhavagga Tika
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri
View full book text ________________
[२६]
दीघनिकाये सीलक्खन्धवग्गटीका
[फ-ब]
फरुसन्ति-१०६ फरुसवाचा-१०७,२६५ फलतोति-२२३ फलन्ति-६०,९०,१२३, २००, २३८,२७५ फलसच्छिकिरियाति-३३३ फलसमापत्ति-३३६ फलसमापत्तिनिरोधसमापत्तियो-१६ फलसमापत्तिसुखं-२१० फलसीलन्ति-३४२ फस्सनिरोधाति-१६४ फस्सपच्चयाति-१६७, १७०, १७१, १७३, १७६,
१७८
पुथूति-३२९ पुनब्भवोति-९१ पुनरुत्तिभावतोति-१७, ३२८ पुब्बचरियाति-९० पुब्बण्णं-२८६ पुब्बन्तकप्पिका-१२४ पुब्बन्तापरन्तकप्पिका-१५७ पुब्बन्तापरन्तानुदिट्ठिनोति-१५७ पुब्बभागपटिपदाति-३१२ पुब्बभागभावनापञ्जा-८० पुब्बयोगो-९०,२५५ पुब्बेनिवासत्राणलाभीनं-२३७ पुरस्साति-१०७ पुरातनो-१८४ पुरिमतरन्ति-२९९ पुरिमवेदनाय-१३३ पुरिमवेसारज्जद्वयसिद्धि -५० पुरिमसानिरोधन्ति-३२९ पुरिसोति-२२१, २३१ पूरणकथा- १०५ पेक्खा -११२ पेसाचा -१९९ पेसितचित्तोति-३१९ पोक्खरसाती-२५५ पोवानुपोवन्ति-२१७ पोट्ठपादाति-३२८ पोत्थनियन्ति-१८६ पोथुज्जनिकसद्धापटिलाभोति- २५२ पोराणाति-४३, २८२ पोसावनियं-२५६ पंसुकूलधोवने-१६५
फस्ससमुदया-१६४ फस्सायतनादिअपरिवा-१७६ फस्सोति-१६१, ३३८ फळुबीजन्ति-११२ फुट्ठोति-२०३ फुसनलक्खणो-१६१ फुस्साति-१६१
बलन्ति-२२५, २२९ बलवतुट्ठीति-३३५ बलवरोगो-३४१ बलवाति-२३१, ३५९ बलसम्पन्नोति-३५९ बलिकम्मकरणं-११६ बव्हारिज्झा-३५५ बहुकारोति-३०३ बहुस्सुता-१९, २९४ बालोति-२०२ बाहियो-२१८ बाहिरपथवीधातुन्ति-२०० बाहिरब्भन्तरमलेहि-२७४ बीजगामभूतगामोति-१११
फरणं - ९४, ३५९ फरित्वाति-३६०
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444