Book Title: Shrutsagar Ank 2014 03 037
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 18
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org जैनदर्शनमां पांच ज्ञाननुं स्वरूप Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir डॉ. भानुबेन शाह मानवसंस्कृतिना उदयकाळथी ज ज्ञान विमर्शनो विषय रह्यो छे. हालनी सभ्यता अने संस्कृतिए ज्ञाननी महत्ताने एकमते स्वीकारी छे. जैन ज्ञाननी विशद चर्चा आगम ग्रंथो तेमज अन्य आगमेत्तर ग्रंथोमां जोवा मळे छे. जैनदर्शननुं 'श्री नंदीसूत्र' नामनुं मूळ आगम ज्ञानमीमांसानुं सर्वश्रेष्ठ साहित्य छे. पूर्वे 'ज्ञानप्रवाद' नामनुं पांच पूर्व हतुं, जेमां पांच ज्ञाननी चर्चा करवामां आवी हती. आ पूर्वमां अंबाडी सहितना हाथीना वजननी बराबर शाहीथी लखी शकाय तेलुं श्रुत हतुं. 'श्री भगवतीजी सूत्र, श्री रायप्रश्नीय सूत्र, श्री ठाणांग सूत्र, श्री उत्तराध्ययन सूत्र, श्री आवश्यक निर्युक्ति जेवा आगम ग्रंथोमां ज्ञाननी चर्चा करवामां आवी छे. आ सिवाय पण आगमेतर जैन परंपराना साहित्यमा वाचकप्रवर उमास्वातिकृत श्री तत्त्वार्थाधिगम सूत्र अने कर्मग्रंथ विगेरेमां पण ज्ञाननी विचारणा जोवा मळे छे.' श्री रायप्रश्नीय सूत्र - १२९मां पार्श्वप्रभुना शिष्य केशीस्वामी प्रदेशी राजाने पांच ज्ञाननुं स्वरूप समजावे छे. अने एटले ज भगवान महावीरस्वामी पूर्वे पण पांच ज्ञाननी प्ररूपणा हती तेवुं सिद्ध थाय छे. कर्मग्रंथमां पांच ज्ञाननुं विवरण छे. श्री ठाणांगसूत्रमां पांच ज्ञानने संक्षेपमां प्रत्यक्ष अने परोक्ष बे प्रकारमां समावेश करेल छे. २. श्रुतज्ञान परोक्ष छे. ३. अवधिज्ञान श्री नंदीसूत्रमां (सूत्र - २) ज्ञानना पांच प्रकाराने प्रत्यक्ष अने परोक्ष एम बे भागमां विभक्त करवामां आव्या छे. अहीं इन्द्रियजन्य ज्ञानने परोक्ष अने आत्मजन्य ज्ञानने पत्यक्ष संज्ञा आपवामां आवी छे. न्यायना ग्रंथोमां पण इन्द्रियजन्य ज्ञाननी प्रत्यक्षमां गणना करी छे. आ रीते लोकानुसरण पण स्पष्ट थाय छे. आचार्य जिनभद्रगणि क्षमाश्रमणे आ समीकरणने लक्षमां राखी इन्द्रिय प्रत्यक्षने सांव्यवहारिक प्रत्यक्ष नाम आप्युं वस्तुतः इन्द्रियना माध्यमथी थतुं ज्ञान परोक्ष छे परंतु लोकव्यवहारे तेने प्रत्यक्ष मानवामां आवे छे. अहीं स्पष्ट थाय छे के १. इन्द्रियजन्य मतिज्ञान पारमार्थिक दृष्टिए परोक्ष अने व्यवहारिक दृष्टिए प्रत्यक्ष छे. For Private and Personal Use Only

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