Book Title: Shrutsagar 2018 08 Volume 05 Issue 03
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 4
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अनुक्रम 1. संपादकीय 2. आध्यात्मिक पदो 3. Awakening 4. विचारमंजरी स्तवन 5. जिनप्रतिमाओं के लेख 6. गुजराती भाषासाहित्यमां जैन रासाए अने कविताए लीधेलु प्रथम स्थान 7. समाचार सार 8. चातुर्मास सूची रामप्रकाश झा आचार्य श्री बुद्धिसागरसूरिजी Acharya Padmasagarsuri सुयशचन्द्रविजयजी गणि आर्य मेहुलप्रभसागर गांधी वल्लभदास त्रीभोवनदास 26 ब पंडित सों झगडा भला, भला न मूरख मेल। निजरे देख्या घी भला, खाधा भला न तेल ॥ हस्तप्रत नं. २७९२ भावार्थः- विद्वज्जनों के साथ झगडा हो जाय तो अच्छा है, परंतु मूर्ख व्यक्ति के साथ मित्रता अच्छी नहीं है। जिस प्रकार घी का आँखों से देखना अच्छा है, परन्तु तेल का खाना भी अच्छा नहीं है। * प्राप्तिस्थान * आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर तीन बंगला, टोलकनगर, होटल हेरीटेज़ की गली में डॉ. प्रणव नाणावटी क्लीनीक के पास, पालडी अहमदाबाद - ३८०००७, फोन नं. (०७९) २६५८२३५५ For Private and Personal Use Only

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