Book Title: Shrutsagar 2018 08 Volume 05 Issue 03
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 25
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 25 SHRUTSAGAR August-2018 कुटंबश्रेयसे श्री सुमतिनाथ बिंब कारितं प्रतिष्ठितं तपा० श्री लक्ष्मीसागरसूरिभिः ॥ छः ॥ पतन वास्तव्य १० श्री नमिनाथ जिन पंचतीर्थी सं० १४७८ वर्षे ज्ये० वदि ९ शु० उ० सा० नीसल भा० षेही सुत का माला केन पितृमातृ श्रेयसे श्री नमिनाथ बिंब कारापिता(तं) श्री नागेंद्रगच्छे प्र० श्री पद्माणंदसूरिभिः। शुभं भवतु। सांवेर जिला इन्दौर ११. श्री पार्श्वजिन एकतीर्थी ॥ संवत् १३९८ आषाढ सुदि २ बुधे गांधी गोत्रे सा० गोसलान्वये सा० माल्हा साजणाभ्यां पितुः सा० चावदेव श्रेयसे श्री पार्श्वनाथ बिंब का० प्र० मलधारि श्री राजशेखरसूरिभिः १२. श्री नमिनाथ जिन पंचतीर्थी ॥ ई०॥ संवत् १५१५ वर्षे आषाढ वदि १ ऊकेशवंशे आयरिया गोत्रे सा० पूना पुत्र सा० रूपा भार्या मोही तत्पुत्रेण सा० कान्हा सुश्रावकेण पुत्र लखमणादि सहितेन श्री नमि बिंब का० श्री खरतरगच्छे श्रीश्रीश्री जिनभद्रसूरिपट्टे श्री जिनचंद्रसूरिभिः प्रतिष्ठितं शुभं भवतु ॥ १३. श्री श्रेयांसजिन पंचतीर्थी ॥ संवत् १५६३ वर्षे पौष वदि ५ रवौ श्री वीरवंशे सं० ठाकर भा० रमकू सं० नागड भा० रत्नू पुत्र सं० लाला सुश्रावकेण भा० कमी पुत्र सं० कुरा भा० रमाई पुत्र सं० पुजा रीडा प्रमुख कुटुंबसहितेन स्वपुत्र सं० अपा पुण्यार्थं श्रीश्रीश्री अंचलगच्छेश श्री भावसागरसूरीणामुपदेशेन श्री श्रेयांसनाथ बिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्री संघेन श्रीपत्तन वास्तव्य ॥ १४. श्रीपार्श्वजिन पंचतीर्थी __सं० १४७३ जेष्ट शुदि ५ बाभ गोत्रे स० भेजा पुत्र सा० सामी पुत्रः खेता जयसिंघ तिहुणा साल्हा सोना .... स्वपित्रोः श्रेयसे श्री पार्श्वनाथ बिंब का० प्र० मलधारि श्रीपतिसागरसूरिभिः। For Private and Personal Use Only

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