Book Title: Shrutsagar 2018 08 Volume 05 Issue 03
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 31
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 31 SHRUTSAGAR August-2018 माध्यस्थपणु विगेरे बाबतनो महिमा बताववा कविवरोए सारो श्रम लीधो छे. आ बाबतमां ध्यान खेंचवू जोइए के श्री नरसिंह महेता, प्रेमानंद, दयाराम के भालण कविनी के तेवा बीजा गुजराती कविओनी कविताओ धर्मने आगळ राखीने रचाय छे, एक शामळभट्ट सिवाय बीजा जुना घणाखरा कविओनी कविता पोताना धर्मनेज लगती छे. पोत पोताना धर्मने लगती कविताओने पण गुजराती भाषामां स्थान मळवू ज जोइए. ___ घणुंखरूं संस्कृत कविओर्नु अनुकरण करी असलना गुजराती कविओ पोतानी कविताओ रची गया छे अने तेमां घणो भाग धर्म संबंधी छे. आपणा भारतवर्षमां धर्मभाव ने आत्मवादनुं प्राबल्य होवाथी जेओ धर्म संबंधी कविता लखे छे तेज कविता, कथा, रासा वगेरे आ देशनी प्रजा पछी ते पोते गमे ते धर्म पाळती होय तेने प्रिय तथा पूज्य थइ पडे छे अने तेथी तेओ परंपराए अमर थाय छे. __ जेथी आटली हकीकत निवेदन कर्या पछी स्पष्ट समजाशे के धर्म विषये लखायेली कविताओ पण गुजराती भाषा साहित्यमांथी जेम बातल करी शकाय नहिं तेम ते पण गुजराती साहित्यमां अमुक स्थान भोगवती होवाथी गुजराती साहित्यनी अभिवृद्धिना अंगो पैकी- एक मुख्य अंग छे!!! श्री आत्मानंद प्रकाश, वीर सं.२४५०, पु.२१, अंक-११ मांथी साभार क्या आप अपने ज्ञानभंडार को समद्ध करना चाहते हैं ? पुस्तकें भेंट में दी जाती हैं आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर, कोबा में आगम, प्रकीर्णक, औपदेशिक, आध्यात्मिक, प्रवचन, कथा, स्तवन-स्तुति संग्रह आदि विविध प्रकार के साहित्य तथा प्राकृत, संस्कृत, मारुगुर्जर, गुजराती, राजस्थानी, पुरानी हिन्दी, अंग्रेज़ी आदि भाषाओं की भेंट में आई बहुमूल्य पुस्तकों की अधिक नकलों का अतिविशाल संग्रह है, जो हम किसी भी पाठशाला, ज्ञानभंडार को भेंट में देते हैं. संग्रह की सूची भी उपलब्ध है. यदि आप अपने ज्ञानभंडार को समृद्ध करना चाहते हैं तो यथाशीघ्र संपर्क करें. पहले आने वाले आवेदन को प्राथमिकता दी जाएगी. For Private and Personal Use Only

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