Book Title: Shrutsagar 2016 09 Volume 03 04
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 7
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रुतसागर सितम्बर-२०१६ आत्मज्ञानी विवेकी प्रारंभज्ञानावस्थामां आत्मानी आ प्रमाणे प्रार्थना करे छे. प्रपञ्चसञ्चयक्लिष्टान्, मायारूपात् बिभेमि ते। प्रसीद भगवन्नात्मन् !! शुद्धरूपं प्रकाशय ॥ ३३॥ - अध्यात्मसार ॥ भावार्थ- हे आत्मन् ! प्रपंच संचयथी क्लेशवाळा तारा माया रूपथी हुं बीवू छु. हे भगवन् आत्मन् ! कृपा कर अने पोताना शुद्ध रूपने प्रकाश ! आत्माने आ प्रमाणे प्रार्थना करनार आत्मा ज छे. आत्मज्ञानथी जाग्रत थएल ज्ञानी पोतानी अशुद्धता देखीने अने कर्मनो प्रपंच देखीने पोताना आत्माने प्रार्थना करे छे. पोताना आत्मानी परिणति सुधर्या विना हजारो निमित्त कारणो मळे तो पण पोतानी शुद्धता थइ शकती नथी. माटे आत्मानी शुद्ध परिणति रूप प्रसन्नतानी प्रार्थना पोतानो आत्मा करे छे. पोतानो आत्मा भगवान् छे. आराध्य छे. पोतानी सृष्टिनो कर्त्ता पोतानो आत्मा खरेखरो ईश्वर छे. पोतानामा रहेलुं शुद्धज्ञान एज खरेखलं विष्णुपणुं छे. पोतानी प्रसन्नता पोताना पर थया विना कंइ वळवा- नथी. पोताना खरा रूपना आवेशमां आव्या विना प्रसन्नता प्रगटती नथी. योद्धो धडपर माथु नथी एवो भाव लावीने ज्यारे खरा रूपमां आवे छे त्यारे ते विजय वरमाळने प्राप्त करे छे. पोतानी शुद्धता अने परमात्मता प्रगटाववा अर्थे खरा रूपमा अर्थात् खरा आवेशमां आववानी जरूर छे. पोताना आत्मानी स्तुति करवी ए परमात्मदशा प्रगटाववानुं मंगळ चिन्ह छे. पोतानामां रहेल परमात्मानी प्रार्थना स्तुति करीने तेने शुद्ध धर्मना आविर्भाव रूपे प्रत्यक्ष करवानी जरूर छे. जेम जेम आत्मानी उपर प्रमाणे प्रार्थना करवामां आवे छे तेम तेम आत्मामां जाणे ईश्वरी प्रसन्नता प्रगट थती होय एम अनुभव आवे छे. आत्मानी प्रसन्नताने माटे आत्मा जवाबदार छे. पोतानो आत्मा ईश्वर रूप होइ खरी प्रार्थनानो ते पोतानी मेळे आन्तरिक स्फुरणाथी जवाब आपे छे. दररोज अमुक वखत सुधी पोताना आत्मानी उपर प्रमाणे प्रार्थना करवामां आवे तो अन्तरना देवनी प्रसन्नतानी खुमारीनो अनुभव आव्या विना रहेतो नथी. पोताना आत्माने सर्वस्व स्वधर्मने अर्पण करी शुद्ध निश्चयथी तेनी सेवा करवाथी मायाना रूपथी आत्मा भिन्न थाय छे अने मायानी भैरवता रहित पोताना शुद्धरूपे पोताने दर्शन आपे छे.. (वधु आवता अंके....) For Private and Personal Use Only

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