Book Title: Shrutsagar 2016 09 Volume 03 04
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 33
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir परम पूज्य राष्ट्रसन्त आचार्य श्री पद्मसागरसूरिजी का ८२वाँ भव्य जन्मोत्सव एवं कैलासश्रुतसागर भाग-१९, २० व २१ केसाथ अन्य पुस्तकों का विमोचन श्री पुष्पदंत श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ, सेटेलाइट, अहमदाबाद के तत्त्वावधान में परम पूज्य राष्ट्रसंत आचार्यदेव श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी महाराज साहब का ८२वाँ जन्ममहोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम के अन्तर्गत गुजरात विश्वविद्यालय के सभा भवन में भव्य गुरुपर्वोत्सव दिनांक ११ सितम्बर, २०१६ भाद्रपद शुक्ल ९ (द्वि.) को हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया. इस मंगलमय अवसर पर पूज्य आचार्यश्री का आशीर्वाद व उनका अभिवादन करने हेतु उनके अनेक शिष्य-प्रशिष्यगण तथा श्रमणीवृंद उपस्थित थे व विशेषरूप से पधारे शेठश्री आणंदजी कल्याणजी पेढी के प्रमुख माननीय शेठ श्री संवेगभाई लालभाई, साहित्य क्षेत्र के पद्मश्री अवोर्ड से विभूषित डॉ. कुमारपाल देसाई, श्री अंकित त्रिवेदी, अनेक जैन संघों के प्रमुख कार्यकर्ता, व्यापार क्षेत्र से श्री वसंतभाई अदाणी आदि, राजनीतिक क्षेत्र से स्थानीय विधायक श्री राकेशभाई के साथ अनेक राजनेता, 'तारक महेता का उल्टा चश्मा' की टीम से श्री भव्य गांधी (टपु) आदि देशभर से पधारे गुरुभक्तों की उपस्थिति से जन्मोत्सव की भव्यता बढ़ी. __ श्री पुष्पदंत जैन संघ के ट्रस्टी श्री कल्पेशभाई वी. शाह ने उपस्थित जनसमूह का स्वागत करते हुए कहा कि मैंने पूज्य राष्ट्रसन्त को पिछले ५० दिनों में जितना जाना है उसमें यह कह सकता हूँ कि पूज्यश्री करुणा, वात्सल्य, त्याग-तप की प्रतिमूर्ति हैं. इनका गुणगाण करने में शब्द सामर्थ्यवान नहीं हैं. आचार्य श्री विनयसागरसूरिजी म. सा, आचार्य श्री देवेन्द्रसागरसूरिजी म. सा, आचार्य श्री हेमचंद्रसागरसूरिजी म. सा, आचार्य श्री अजयसागरसूरिजी म. सा, पंन्यास प्रवर श्री अरविन्दसागरजी म. सा.,गणिवर्य श्री प्रशांतसागरजी म. सा., आदि ने अपने प्रवचनों में जन्मोत्सव एवं पूज्यश्री के जीवन कवन के महत्त्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला. पूज्य आचार्यश्रीजी ने कहा कि संसार के परिभ्रमण से छुटकारा प्राप्ति हेतु परमात्मा श्री महावीर के बताए उपदेशों का पालन करना होगा, तभी हम अपना मानवजीवन सफल कर सकते हैं. पूज्य महात्माओं की पवित्र वाणी से संपूर्ण वातावरण धर्ममय बना हुआ रहा. भव्य गुरुपर्वोत्सव का शुभारंभ मंगलदीप प्रागट्य से हुआ. बालक बालिकाओं ने अभिवादन नृत्य प्रस्तुत कर पूज्यश्रीजी के प्रति अपनी भावनाएँ प्रकट कीं तो प्रसिद्ध गायक नरेन्द्र वाणीगोता ने भक्तिपूर्ण गीतों द्वारा संपूर्ण वातावरण को भक्तिमय बना दिया. उपस्थित अनेक महानुभवों ने भी पूज्यश्रीजी के प्रति अपनी मंगल भावनाएँ प्रकट की. प्रवचन श्रृंखला के मध्य उपस्थित महानुभवों का अभिनन्दन किया गया. पूज्यश्रीजी के जन्मोत्सव के पावन अवसर पर अनेक श्रीसंघों एवं श्रीमानों द्वारा श्रुत संपदा के संरक्षण के क्षेत्र में अग्रणी आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर एवं SMJAK कोबा के विकास एवं संचालन हेतु विशाल सहयोगराशि की उद्घोषणा की गई. For Private and Personal Use Only

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