Book Title: Shrutsagar 2016 07 Volume 03 02
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 12
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रीसोमसुंदरसूरिसज्झाय संपा. गणिश्री सुयशचंद्रविजयजी प्रस्तुत कृति आ.श्री. सोमसुंदरसूरिजीना जीवनचरित्र पर प्रकाश पाडती लघु रचना छे. आम तो सूरिजीना जीवन विशे सोमसौभाग्य महाकाव्य, चित्रकूटीय वीरजिनप्रासादप्रशस्ति, गुरुगुणरत्नाकर काव्यामां घणी ऐतिहासिक विगतो मळे छे ते छतांय प्रस्तुत काव्य कवि मेहनी कृति होई ते दृष्टिथी तेनुं महत्त्व विचारी कृतिनुं अहिं प्रकाशन करायुं छे. सौ प्रथम आपणे कृति अंगे विचारीशुं. कति परिचय: ___ शरूआतना पद्योमां कविए गौतमस्वामी-जंबूस्वामीनी जेम जेमनुं नाम पण विशेष स्मरणीय छे तेवा सोमसुंदरसूरिजी- स्मरण करी काव्यनो प्रारंभ कर्यो छे. पछीनी २थी ९मी गाथामां सूरिजीना वंशनो, माता-पिता तथा गृहस्थ पणाना नामनो उल्लेख करी कवि बाळकना गुणोथी तथा लाक्षणिकताथी प्रभावित थइ भविष्य-कथन करता जयानंदसूरिजीनी वातो रजू करे छे. पद्य नं. १० तथा ११मां कलिकाचार्य अने सरस्वतीनी जेम शोभता बाळक सोमकुमार तेमज बहेन कर्मानी दीक्षानी वात आलेखाय छे ऐतिहासिक दृष्टिए महत्त्वनी कही शकाय तेवी गाथा १२-१३मां कविए बाळकना जन्मनी-दीक्षानी-वाचकपदनी तेमज गणधरपदनी संवत् नोंधी छे. वाचक पद माटे अन्य ग्रंथोमां सं. १४५०नी संवत् मळे छे. ज्यारे अहीं काव्यमा उल्लिखित सं. १४४७नो पाठांतर विशेष ध्यानार्ह छे. ते ज रीते बाळमुनिना ज्ञानाभ्यासनी विगत पण सूरिजीना जीवननी एक महत्त्वपूर्ण विगत छे. मुनिश्री सोमसुदंरजीना गणधरपदने अनुलक्षी हवे पछीना ८ पद्यो रच्या छे. जेमां अणहिल्लपुर (पाटण)ना शेठ शाह नरसिंहे पूज्यश्रीनो पदप्रदान महोत्सव करता केवा-केवा शुभकार्यो कर्या तेनी विगत समायेली छे. जेमां शुभ मुहूर्त जोवडाववा, ठेर-ठेर संघोने कंकोत्रीओ मोकलवी, विविध संघोने तेडाववा, संघना बहमान करवारूप पकवानादि जमण कराववा, कपूरथी वासित पान-बीडा वहेंचवा, जरीयन जामानी तेमज विविध रंग-बिरंगी वस्त्रोनी For Private and Personal Use Only

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