Book Title: Sanskrit Vangamay Kosh Part 02
Author(s): Shreedhar Bhaskar Varneakr
Publisher: Bharatiya Bhasha Parishad

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Page 581
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (?) वाद के प्रवर्तक थै भुक्तिवाद/ व्यक्तिवाद । 68 संस्कृत में शास्त्रपरक - भट्टि/ कृष्णमिश्र/ धनंजय/ काव्यलेखन के प्रवर्तक जगन्नाथ पंडित। (?) थे69 भट्टिकाव्य का अपर - रावणवध/ शिशुपाल वध/ नाम (?) है कंसवध/ दुर्योधनवध। 70 प्रौढमनोरमा (?) की - अष्टाध्यायी/सिद्धान्तकौमुदी टीका है चांद्रव्याकरण/ऋक्प्रातिशाख्य 71 (?) सिद्धान्त कौमुदी - प्रौढमनोरमा/ बालमनोरमा/ की टीका नहीं है शब्दकौस्तुभ/ तत्त्वबोधिनी। 72 प्रौढमनोरमा-कुचमर्दिनी - ज्ञानेन्द्रसरस्वती/ जगन्नाथ टीका के लेखक (?) है पंडित/ हरिदीक्षित/ बोपदेव/ 73 भट्टोत्पल (?) शास्त्र - साहित्य/ व्याकरण/ज्योतिष/ के लेखक थे तंत्र। 74 भारतीय ललित कलाओं - भरतमुनि/ अभिनवगुप्तपाद के आद्य आचार्य (?) है कोहलाचार्य/ मतंग। 75 शतपथ ब्राह्मण (?) वेद - ऋग्वेद/शुक्लयजुर्वेद/ से संबंधित है - कृष्णयजुर्वेद, सामवेद । 76 गोपनि परक गोसून - ऋग्वेद/ शुक्लयजुर्वेद/ बंद के अंतर्गत है सामवेद/ आयुर्वेद । 27 शंकगाय के पूर्ववर्ती . रामानुज/ भर्तृप्रपंच बंटानाचार्य थे वल्लभ/ मधुसूदन सरस्वती। 8 राजतर्गपणा . बंगाल/ गुजराथ/ केरल/ डेर का इतिहास वर्णित काश्मीर । 87 पदवाक्यप्रमाणज्ञ - शंकराचार्य/ भवभूति/ उपाधिधारी (?) थे- विशाखदत्त/ भागुरि । 88 भवभूति का मूलनाम - श्रीकण्ठ/ नीलकण्ठ/ (?) था शितिकण्ठ/ उंबेक। 89 षण्मत-प्रतिष्ठापनाचार्य - बल्लभाचार्य/ शंकराचार्य। (?) की उपाधि है- वाचस्पति मिश्र/ नागेशभट्ट । 90 चतुरपण्डित नाम से (?) - कल्लीनाथ/ भातखंडे/ प्रसिद्ध थे शाङ्गधर/पुण्डरीक विठ्ठल । 91 साहित्य क्षेत्र में अलंकार - भामह/ भरत/ दण्डी/ संप्रदाय के प्रवर्तक? थे राजशेखर । 92 साहित्य शास्त्र में रीति - वामन/ दण्डी/ रुद्रट/ संप्रदाय के प्रतिपादक मम्मट। 93 'वाक्यं रसात्मकं काव्यम्' - भानुमित्र/ जगन्नाथ/ यह व्याख्या (?) ने की विश्वनाथ/ मल्लिनाथ । 94 पाणिनि का व्याकरण - माहेश्वर सूत्र/ ब्रह्मसूत्र/ (?) सूत्रों पर आधारित श्रौत सूत्र/ शुब्ब सूत्र । . - जनकत्री का - भक्ति/ नीति/ श्रृंगार/ 1.? नहीं है.. वैराग्य। Soदीय के लेखक - वास्पतिराज/ भर्तृहरि/ कुमारिलभट्ट/वाग्भट । हावट कहते है - मंत्र-ब्राह्मण/ ब्राह्मण आरण्यक/ आरण्यकउपनिषद्/ मंडल-सूक्त। 95 किरातार्जुनीय के कवि - भट्टि/ भारवि/ भोज/ (?) थे भवभूति। 96 पंच काव्यों में (?) नहीं - राजतरंगिणी/ कुमारसंभव गिना जाता रघुवंश/ किरातार्जुनीय । 97 बाणभट्ट की कादम्बरी - कथा/ आख्यायिका/ चम्पू/ संघानकाव्य। 98 हर्षचरित के लेखक (?) - श्रीहर्ष/ हर्षवर्धन/बाण/ दण्डी। 99 अनूपसंगीतरत्नाकर के - अनूपसिंह/ शाङ्गधर/ लेखक (?) है भावभट्ट/ भातखंडे। 100 अग्निमित्र (?) की - भास/ सौमिल्लक/कविपुत्र/ उपाधि है विशाखदत्त 101 भासनाटकचक्र की - डॉ. राघवन्/टी.गणपति पांडुलिपि प्रथम? को शास्त्री/ डॉ. कत्रे/ प्राप्त हुई। डॉ. भांडारकर। 102 रामटेक को मेघदूत का - डॉ.पुसालकर/ डॉ.मिराशी/ रामगिरि (?) ने सिद्ध डॉ. बलदेव उपाध्याय/ किया है- डॉ. रघुवीर। 103 परंपरा के अनुसार ? को - विक्रमांकदेव/ विक्रमादित्य कालिदास के आश्रयदाता रुद्रदामा/ समुद्रगुप्त । मानते है104 भास-नाटकचक्र का मूल - ब्राह्मी/ खरोष्ट्री/ देवनागरी/ हस्तलिखित (?) लिपि मलयालम्। में था105 भास-नाटकचक्र में - 12/13/14/151 82 तनिरीय संहिता (?) - शुक्ल यजुर्वेद/ को कहते है कृष्ण यजुर्वेद/ ऋग्वेद/ अथर्ववेद। 83 वाजसनेयीसंहिता (?) - शुक्ल यजुर्वेद/ कृष्ण को कहते है यजुर्वेद/ धनुर्वेद/ आयुर्वेद । 84 भवभूति (?) प्रदेश के - विदेह/ विदर्भ/ निषध/ निवासी थे मालव। 85 महावीरचरित नाटक में - हनुमान/ तीर्थंकर महावीर/ (?) की कथा है- प्रभु रामचंद्र/ अर्जुन । 86 अध्यायसमाप्ति सूचक - पुष्पिका/ पुष्पिताग्रा/ वाक्य को (?) कहते है- गुष्पगण्डिका/ फक्किका। 4 / संस्कृत वाङ्मय प्रश्रोत्तरी For Private and Personal Use Only

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