Book Title: Sanskrit Vangamay Kosh Part 02
Author(s): Shreedhar Bhaskar Varneakr
Publisher: Bharatiya Bhasha Parishad

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Page 591
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 412 स्वयंभूस्तोत्र के रचयिता (?) थे। - समंतभद्र/सकलकीर्ति उत्पलदेव/बुधकौशिक। (?) विषयक काव्य व्हिक्टोरिया/ लिखा है। पंचमजार्ज/महात्मा गांधी। 399 नानार्थकोष की परंपरा - विश्वलोचन/ हलायुध/ में श्रीधर सेनकृत (?) मेदिनी/अमर । अग्रगण्य कोश है। 400 भागवत-व्याख्याकार- - श्रीकृष्ण/श्रीराम/नृसिंह/ श्रीधर स्वामी (?) के हयग्रीव । उपासक थे। 401 गणितसार के लेखक - बंगाल/कर्णाटक/महाराष्ट्र! श्रीधराचार्य (?) के काशी। निवासी थे 402 आनंदरंग-विजयचंपू- - डुप्ले/क्लाईव्ह/हेस्टिंग्ज/ कार श्रीनिवास कवि मेकॉले। (?) के भाषण-सहायक 403 "रत्नखेट" और - श्रीनिवास भट्ट "षड्भाषाचतुर" श्रीनिवास दीक्षित उपाधियों से(?) श्रीनिवास दास/ श्रीनिवास विभूषित थे। शास्त्री। 404 योगि-भोगि-संवाद - श्रीनिवास सूरि/श्रीनिवास शतक के लेखक (?) रंगार्य/श्रीनिवास शास्त्री/ थे। श्रीनिवास दीक्षित 405 आमरण संस्कृत पद्यभाषी - मदुरै/कुम्भकोणं/ श्रीनिवासार्य (?) में मैसूर/ त्रिपुणिथुरै संस्कृत के प्राध्यापक 413 सरफोजी भोसले द्वारा - तीर्थयात्राचंपू/ रचित (?) चम्पू है। कुमारसंभवचम्पू/ आनंदकंदचंप/नीलकंठ विजयचम्पू 414 सरफोजी भोसले द्वारा - सरस्वती महाल/ स्थापित ग्रंथालय का शारदापीठ/भारतीभवन/ (?) नाम है। तंजूर। 415 चायगीता की रचना - क्षमा राव/रमा चौधुरी/ (?) ने की है। सहस्त्रबुद्धे करमरकरशास्त्री। 416 चैतन्य संप्रदाय के - रूपगोस्वामी/सनातन/ कर्मकाण्ड की पद्धति चैतन्यप्रभु/ स्वामी (?) ने प्रवर्तित की। नारायण। 417 सागरनन्दी के नाटक- - नेपाल/काश्मीर/श्रीलंका/ लक्षण-रत्नकोश की तिब्बत । पाण्डुलिपि सिल्वा लेवी को (?) में प्राप्त हुई। 418 चारों वेदों की दैवत - दयानंद सरस्वती/ संहिताओं का संपादन वेदमूर्ति सातवलेकर। (?) ने किया। सत्यव्रत सामश्रमी/आचार्य विश्वबन्धु 419 महाराष्ट्रीय विवाहविधि में - मंदाक्रान्ता/ मंगलाष्टक (?) वृत्त में शार्दूलविक्रीडित/ गाया जाता है। भुजंगप्रयात/वसंततिलका 420 (?) सायणाचार्य का - यंत्रसुधानिधि/पुरुषार्थग्रंथ नहीं है सुधानिधि/आयुर्वेदसुधानिधि/ सुभाषितरत्नाकर। 421 सायणाचार्य (?) के मंत्री- कंपण/संगम/बुक्कराय/ नहीं थे कृष्णदेवराय। 422 सायणाचार्य ने अंतिम . तैत्तिरीयब्राह्मण/ भाष्य (?) पर ऐतरेयब्राह्मण/ लिखा। शतपथब्राह्मण/कृष्ण यजुर्वेद। 423 उत्तरभारत की अधिकतम - सिंधुक्षित्/सव्य आंगिरस/ नदियों का वर्णन हिरण्यस्तूप/ संवर्त आंगिरस । ऋग्वेद में (?) ऋषि के सूक्तों में है। 424 जैन न्यायशास्त्र के प्रणेता - सिद्धसेन दिवाकर/ (?) माने जाते है। बृद्धवादिसूरि/सकलकीर्ति कुंदकुंदाचार्य। थे। 406 ज्योतिषशास्त्र की प्रत्येक - आन्ध्र/महाराष्ट्र/सौराष्ट्र। शाखा पर ग्रंथ लेखन- राजस्थान । करनेवाले श्रीपति भट्ट (?) के निवासी थे। 407 टेकलै और वडकलै मठ - वल्लभ/रामानुज/निंबार्क/ (?) संप्रदाय के है। माध्व। 408 हरिभक्तिरसायन-टीका - दशम-पूर्वार्ध/दशम भागवत के (?) स्कन्ध उत्तरार्ध/ एकादश/ पर है। द्वादश। 409 (?) काव्य को - माघ/नैषध/कप्फिणाभ्युदय/ "शास्त्रकाव्य" कहते है। कादंबरी। 410 षड्गुरुशिष्य की - वेदार्थदीपिका/सुखप्रदा/ सर्वानुक्रमणी-वृत्ति का मोक्षप्रदा/वेददीप। (?) नाम है। 411 सनातन गोस्वामी की - हरिभक्तिविलास/ रचना (?) नहीं है। भागवतव्यंजन/ हरिभक्ति-रसामृतसिन्धु/ भागवतामृत। 14 / संस्कृत वाङ्मय प्रश्नोत्तरी For Private and Personal Use Only

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