Book Title: Sanskrit Vangamay Kosh Part 02
Author(s): Shreedhar Bhaskar Varneakr
Publisher: Bharatiya Bhasha Parishad

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Page 616
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 94 वामन पुराण के मतानुसार मत्स्य/ कूर्म / वराह/ भागवत (?) पुराण सर्वश्रेष्ठ है 95 महानारायणीयोपनिषद् (?) आरण्यक के अन्तर्गत है 96 पातंजल महाभाष्य के कुल अड़िकों की संख्या (?) है 97 पाणिनिकृत अष्टाध्यायी सूत्रों की संख्या 39 सौ से (?) अधिक है98 पातंजल महाभाष्य में 16 सौ से अधिक (2) सूत्रोंपर भाष्य लिखा हुआ है 99 व्याकरण महाभाष्य की खंडित अध्ययन परंपरा पुनरुज्जीवित करने का कार्य सर्वप्रथम (?) ने किया 1100 शुक्ल यजुर्वेद की मध्यंदिन शाखा के मंत्रों की कुल संख्या 19 सौ से अधिक (2) है 101 शून्यवाद विषयक - 104 जैमिनिकृत मीमांसा सूत्रोंकी कुल संख्या 26 सौ से अधिक (?) है105 द्वादशलक्षणी नामसे (?) ग्रंथ के प्रारंभिक 12 अध्याय प्रसिद्ध है106 मुग्धबोध व्याकरण के लेखक (?) है107 मुण्डकोपनिषद् अथर्ववेद - तैत्तिरीय बृहद ऐतरेय शांखायन । - 65/75/ 85/95 61/71/81/95 69/ 79/89/99 माध्यमिक कारिका के लेखक (?) है 102 माध्यमिककारिका ग्रंथ में 300/350/400/450/ कारिकाओं की संख्या (?) है 103 दश शिवागम / अष्टादश रुद्रागम और चतुःषष्टि (64) भैरवागों के सारभूत शास्त्र को (?) कहते है चंद्रगोमी क्षीरस्वामी/ दयानन्द सरस्वती / भर्तृहरि । 65/75/ 85/95 चन्द्रकीर्ति/ बुद्धपालित/ भावविवेक नागार्जुन/ तंत्रशास्त्र / मंत्रशास्त्र / त्रिक शास्त्र / छंदः शास्त्र 24/34/44/ 54 ब्रह्मसूत्र / मीमांसासूत्र / कामसूत्र योगसूत्र / बोपदेव / भर्तृहरि / देवनंदी/ शर्ववर्मा/ पैप्पलाद शौनकीय/ www.kobatirth.org की (?) शाखा से संबंधित है 108 अथर्ववेद की कुल शाखाएँ (?) है 109 सुवर्ण बनाने की प्रक्रिया का वर्णन (?) तंत्र में है1110 पातंजल महाभाष्य के अनुसार यजुर्वेद की (?) शाखाएँ कही गयी है 111 यजुर्वेद संबंधित ऋत्विज को (?) कहते 112 शुक्ल यजुर्वेद में (?) अध्याय है 113 शुक्ल यजुर्वेद का 40 वा अध्याय ही (?) उपनिषद है 114 द्वादशविद्याधिपति उपाधि सेभूषित (?) थे 116 याज्ञवल्क्य स्मृति के प्रथम व्याख्याकार ( ? ) है 117 योगवासिष्ठ के अपर 118 योगवासिष्ठ की श्लोक (?) हजार - 121 रघुवंश महाकाव्य में (?) राजाओं के आख्यान वर्णित है122 रसगंगाधर में काव्य के - 119 लघुयोगवासिष्ठ के लेखक गौड अभिनन्द का समय (?) शती है120 तंजौरनरेश रघुनाथनायक विषयक रघुनाथाभ्युदय महाकाव्य (?) ने लिखा है For Private and Personal Use Only प्रकार (?) माने है 123 रसगंगाधरकार ने (?) अलंकारोंकी चर्चा की है - देवदर्श/ चारणवैद्य / 7/8/9/10 आर्षरामायण / वसिष्ठ नामों में (?) नाम नहीं है महारामायण / मोक्षोपायसंहिता रामाश्वमेघ । 12/22/32/42 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मृडानीतंत्र / मृत्युजयतंत्र/ मेरुतंत्र / कुलार्णवतंत्र | 86/ 100/ 107/ 109 होता/ अध्वर्यु/ ब्रह्मा/ छन्दोग / 40/50/60/70/ ईश / केन / कठ / प्रश्न वादिराजसूरि/ श्रुतसागरसूरि सोमदेवसूरि/ सकलकीर्ति/ विज्ञानेश्वर / विश्वरूप/ धर्मेश्वर / अपरार्क/ 8/9/10/11 यज्ञनारायण / राजचूडामणि/ रामभद्राम्बा / कृष्णकवि । 21/31/41/51 2/3/4/5 51/61/71/ 81 संस्कृत वाङ्मय प्रश्नोत्तरी / 39

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