Book Title: Sanskrit Vangamay Kosh Part 02
Author(s): Shreedhar Bhaskar Varneakr
Publisher: Bharatiya Bhasha Parishad

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Page 618
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 152 वेदान्तवादावली (या . द्वैत/ अद्वैत/ बौद्ध/ जैन/ वादावली) में (?) मत का खंडन प्रमुखता से किया है153 डॉ. रोलाण्ड ने (?) का - वाराह गृह्यसूत्र/ पारस्कर फ्रेंच भाषा में अनुवाद गृह्यसूत्र/ शांखायन गृह्यसूत्र/ किया है बोधायन गृह्यसूत्र । 154 सिंहासन द्वात्रिंशिका का - क्षेमंकर/ हरिभद्र/ जैन संस्करण (?) ने गुणरत्न/ यशोविजय। किया है155 सिंहासन-द्वात्रिंशिका में - भोज/ विक्रमादित्य/ (?) की कथाएँ वर्णित है भर्तृहरि/ उदयन । 156 विक्रमांकदेवचरित - बूल्हर/ एडगर्टन/ महाकाव्य का सर्वप्रथम हर्टल/ याकोबी। प्रकाशन (?) द्वारा हुआ 157 विक्रमांकदेवचरित में - चालुक्य/ चोल/ पाण्ड्य/ (?) वंशीय विक्रमादित्य काकतीय । षष्ठ का पराक्रम वर्णित है 158 विक्रमांकदेवचरितम् के - काश्मीरी/ कर्नाटकी/ महाकवि बिल्हण (?) महाराष्ट्रीय/ राजस्थानी/ थे 159 कालिदासकृत - नाटक/ त्रोटक/ प्रकरण/ विक्रमोर्वशीयम् (?) है- प्रहसन । 1160 विदग्धमाधव नाटक के - चैतन्यमहाप्रभु/रूपगोस्वामी रचयिता (?) थे- सनातन गोस्वामी/ गोस्वामी विठ्ठलदास/ 161 विश्वगुणादर्शचम्पू में - विश्वावसु/कृशानु/ हाहा/ समाज के केवल दोषों का हूहू/ वर्णन (?) गंधर्व ने किया है162 रामानुज संप्रदाय में (?) - विष्णुधर्मोत्तर/ पुराण को परमश्रेष्ठ माना विष्णु/ श्रीमद्भागवत देवीभागवत। 163 विष्णुपुराण का अंग्रेजी - एच.एच.विल्सन/ अनुवाद (?) ने किया है वासुदेवशरण अग्रवाल/ पार्जिटर/ डॉ. हाजरा। 164 वीरमित्रोदय (?) - महाकाव्य/ नाटक/ विषयका ग्रंथ है- धर्मशास्त्र/साहित्यशास्त्र। 165 वीरमित्रोदयकार मित्रमिश्र - मिथिला/ओरछा/ जयपुर/ (?) नरेश के आश्रित थे बघेलखंड। 166 दशकुमारचरित के (?) - चतुर्थ/ पंचम/ षष्ठ/ सप्तम/ उच्छवास की रचना निरोष्ठ्यवर्णात्मक है167 वेदान्तदीप नामक ब्रह्मसूत्र- धर्मराजाध्वरीन्द्र/ की विस्तृत व्याख्या के रामानुजाचार्य/ निंबार्काचार्य लेखक (?) है- यामुनाचार्य 168 निंबार्काचार्यकृत - वेदान्तरत्नमंजूषा/ दशश्लोकी पर पुरुषोत्तम वेदान्तपारिजात सौरभ/ कृत बृहद्भाष्य का नाम वेदान्तकल्पलतिका/ (?) है वेदान्तकौस्तुभ। 169 कणादकृत वैशेषिक - 50/60/70/801 सूत्रोंकी संख्या दो सौ से (?) अधिक है1170 कणाद के वैशेषिक सूत्रों - 8/10/12/14। - का विभाजन (?) अध्यायों में है171 वैशेषिकसूत्राणि- ग्रंथ के - तृतीय/चतुर्थ/ पंचम/ (?) अध्यायम षष्ठ/ परमाणुवाद का प्रतिपादन है172 जीवगोस्वामी कृत - 9/10/11/12 वैष्णवतोषिणी व्याख्या . भागवत के (?) वे स्कंध मात्र पर है173 श्रीमद्भागवत की (?) - वैष्णवानन्दिनी/ वैष्णव व्याख्या में मायावाद का तोषिणी/बृहत्तोषिणी/ खंडन आवेशपूर्वक भावार्थदीपिका/ किया है174 वैष्णवानन्दिनी (भागवत - श्रीधर/जीवगोस्वामी/ व्याख्या) के लेखक सनातन गोस्वामी/बलदेव (?) थे विद्याभूषण/ 175 आनन्दवर्धन के ध्वनितत्त्व- महिमभट्ट/ वामन/ भामह/ का अन्तर्भाव (?) ने रुद्रट अनुमान में किया है176 बृहदारण्यक (?) ब्राह्मण- शतपथ/ कौषीतकी/ ग्रंथ का अंतिम काण्ड है- तैत्तिरीय/ ऐतरेय/ 177 उपलब्ध ब्राह्मण ग्रंथों में - ऐतरेय/ तैत्तिरीय/ (?) प्राचीनतम है- शतपथ/ कौषीतकी/ 178 चक्रपाणिदत्तकृत शब्द - व्याकरण/वैद्यक/न्याय/ चन्द्रिका (?) शास्त्रीय मीमांसा। शब्दकोश है179 व्याकरण विषयक - पंढरीनाथाचार्य गलगली/ प्रबन्धपर साहित्य व्ही. सुब्रह्मण्यम्। अकादमी का पुरस्कार डॉ. श्री. भा. वर्णेकर/ (?) को मिला- वसंत त्र्यंबक शेवडे 1180 सुरेश्वरकृत आयुर्वेदिय - शब्दप्रदीप/ शब्दप्रकाश/ वनस्पतिकोश का नाम शब्दतरंगिणी/ शब्दकौस्तुभ/ संस्कृत वाङ्मय प्रश्रोत्तरी / 41 For Private and Personal Use Only

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