Book Title: Sanskrit Vangamay Kosh Part 02
Author(s): Shreedhar Bhaskar Varneakr
Publisher: Bharatiya Bhasha Parishad

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Page 619
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 181 शब्दानुशासन के रचयिता - जैन/ बौध्द / शैव / वैष्णव । चन्द्रगोमी (?) वैयाकरण - 182 प्रभाचन्द्रकृत जैनेन्द्र व्याकरण का नाम (?) 183 ऋग्वेद में सर्वाधिक मंत्र (2) देवताविषयक है 184 ऋग्वेद का सर्वप्रथम अंग्रेजी अनुवाद (?) ने किया 185 अश्वघोष कृत शारीपुत्र प्रकरण का प्रथम प्रकाशन ल्यूडर्स द्वारा (2) में हुआ 186 संस्कृत साहित्य का प्रथम प्रतीकनाटक (?) है 187 शान्तिदेवकृत शिक्षा 187 सुप्रसिद्ध शिवमहिस्रः समुच्चय में (?) पंथ का आचारधर्म प्रतिपादित है स्तोत्र का मूल नाम (?) है 188 (?) महाकाव्य को 'क' उपाधि दी गयी है - - 1190 शुक्लयजुर्वेद का अपरनाम (?) संहिता है 191 सबसे बडा एवं प्राचीन शुल्बसूत्र (?) है192 शुल्बसूत्र (?) सूत्र मे अन्तर्भूत है 193 कल्पसूत्रों में (7) सूत्र का अन्तर्भाव नहीं होता194 बोधायन शुल्बसूत्र में पांचसौ से अधिक (?) सूत्र है 195 शून्यतासप्तति के 42 / संस्कृत वाङ्मय प्रश्नोत्तरी - 189 मेघदूत की पंक्तियों की समस्यापूर्ति द्वारा तत्त्वोपदेश (?) काव्य में किया है - - शब्दाम्भोजभास्कर / शब्दार्णव / शब्दार्थचिन्तामणि www.kobatirth.org शब्दावतारन्यास | इन्द्र / अग्नि / वरुण / रुद्र । व्हिटने मैक्समूलर मैक्डोनल/ कोलबुक पॅरीस / बर्लिन / ऑक्सफोर्ड / अॅम्सटरडॅम । शारीपुत्रप्रकरण / प्रबोधचंद्रोदय/ संकल्पसूर्योदय/ अनुमितिपरिणय/ महायान / हीनयान / दिगंबर / लंबर/ धूर्जटिस्तोत्र/ शिवभक्तानन्दम्/ शिव पुष्पांजलि/शिवभक्तिरसावनम् नैषधीयचरित/ शिशुपालवध किरातार्जुनीय कुमारसम्भव शीलदूत/ हंसदूत/ विप्रसंदेश / मानससंदेश । वाजसनेयी/ पिप्पलाद / तैत्तिरीय/ जैमिनीय । बोधायन / आपस्तंब / सत्याषाढ / कात्यायन । न्याय / काम / कल्प/ ब्रह्म । धर्म / श्रौत / गृह्य / काम / 20/25/30/35 नागार्जुन/ ईश्वरकृष्ण / रचयिता ( ? ) थे 196 अथर्ववेद की शौनक संहिता में (?) कोड है 197 (?) वेद से संबंधित उपनिषदों की संख्या सर्वाधिक है 198 श्रीकण्ठचरित के 199 सुप्रसिद्ध श्रीसूक्त में ऋचाएँ (?) है 201 जीव गोस्वामी कृत काश्मीर / पंजाब/ महाकवि मंखक (?) के हरियाणा / राजस्थान निवासी थे। 202 रुद्रयामल की श्लोकसंख्या (?) लक्ष से अधिक है203 सध्दर्मपुण्डरीक - बौद्धों के (?) मत का प्रमुख ग्रंथ है 205 दशनामी संन्यासियों की उपाधियों में (?) उपाधि नहीं है - षट्संदर्भ में ( ? ) विषयक छह निबंधों का समुच्चय है - दो सौ से अधिक (?) रागों का उल्लेख है209 तीर्थस्वामी द्वारा संकलित सहस्रनामों की संख्या (2) 8 1210 संगीत विषयक अग्रगण्य ग्रंथ (?) है 1200 कृष्णयजुर्वेद के श्वेताश्वतर - 3/6/9/12 उपनिषद में (?) अध्याय है 211 संगीत रत्नाकर के रचयिता (2) है212 संस्कृतचंद्रिका (पत्रिका) · For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वसुबन्धु / कल्याणरक्षित । 10/15/20/ 251 - ऋग्वेद यजुर्वेद / सामवेद / अथर्ववेद / 20/25/ 30/35 उपनिषद् / रामायण / भागवत / महाभारत । पाऊन / एक/ सव्वा/ डेढ 206 सप्तसन्धान महाकाव्य के मेघविजयगणी / हरिभद्रसूरि लेखक (?) थेवादसिंह सोमेश्वर 207 भोजकृत समरांगण सूत्रधार ग्रंथ का विषय (?) है 208 संगीत रत्नाकर ग्रंथ में महायान / हीनयान / योगाचार/ सहजयान तीर्थ / अरण्य / सरस्वती/ आनन्द / युद्धशास्त्र / नाट्यशास्त्र / वास्तुशास्त्र / राजनीति / 50/55/60/ 65 1 10/ 20/30/40/ संगीतरत्नाकर/ संगीतमकरन्द/ संगीतपारिजात/ संगीतचूडामणि शाईगदेव / जगदेकमल्त/ अहोबिल / नंजराज । आप्पाशास्त्री राशिवडेकर /

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