Book Title: Sanskrit Vangamay Kosh Part 02
Author(s): Shreedhar Bhaskar Varneakr
Publisher: Bharatiya Bhasha Parishad

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Page 620
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir थे 227 के प्रथम संपादक (?) जयचंद्र भट्टाचार्य/ अन्नदाचरण तर्कचूडामणि/ कालीपद तर्काचार्य। 213 ऋग्वेद के संवादसूक्तों - 10/15/20/25 । की संख्या (?) है214 संहितोनिषद् ब्राह्मण (?) - ऋग्वेद/ यजुर्वेद/सामवेद/ वेद से संबंधित है- अथर्ववेद 215 संहितोपनिषद् ब्राह्मण का - बर्नेल/ श्रोडर/विंटरनिट्झ/ प्रथम संपादन (?) ने हर्टल। किया216 सांख्यकारिका की सर्वश्रेष्ठ- सांख्यतत्त्वकौमुदी/ व्याख्या (?) मानी जयमंगला माठरवृत्ति/ जाती है गौडपादभाष्य। 217 सामवेद की कौथुमी - 4/6/8/10 शाखा के ब्राह्मण ग्रंथ (?) बौध्द ग्रंथ की गण्डव्यूहसूत्र/ अर्थविनिश्चयप्रतिष्ठापना के लिये सूत्र/ सध्दर्मपुण्डरीकसूत्र सुवर्णमंदिर बनवाया महायान संप्रदाय के - 4/5/6/71 सुवर्णप्रभासूत्र का प्रथम चीनी अनुवाद (?) शताब्दी में हुआ228 नागार्जुन के सुहल्लेख - तिब्बती/चीनी/ जापानी/ नामक लोकप्रिय नीति- सिंहली काव्य का केवल अनुवाद (?) भाषा में उपलब्ध है 229 सुप्रसिद्ध सूर्योदय - गोविंद वैजापुरकर/ मासिका पत्रिका के विन्ध्येश्वरीप्रसाद शास्त्री/ सम्पादक (?) नहीं थे- शशिभूषण भट्टाचार्य/ राजेश्वरशास्त्री द्रविड। 1230 शंकराचार्यकृत सौंदर्य - आनन्दलहरी/पीयूषलहरी/ लहरी स्तोत्र का अपरनाम लक्ष्मीलहरी/ मातृभूलहरी। 218 सामवेद की जैमिनीय - तलवलकार/ आर्षेय/ शाखा का ब्राह्मण (?) सामविधान/ छांदोग्य । नाम से प्रसिद्ध है219 प्राकृतभाषा के सर्वप्रथम - सिद्धहेमशब्दानुशासन/ व्याकरण का नाम (?) कातंत्र व्याकरण/सुपद्म व्याकरण/ शाकटायन व्याकरण 1220 19 वीं शती में निंबार्क - शुकदेव/ केशव काश्मीरी/ मतानुसार, श्रीमद्भागवत श्रीधर/ मुरलीधर । की सिद्धान्तप्रदीप व्याख्या (?) ने लिखी 221 सम्राट हर्षवर्धनकृत - सुप्रभातस्तोत्रम्/ बुद्धस्तोत्र/ 24 श्लोकों के बुद्धस्तोत्र तथागतस्तुति/ सुगतस्तव। का नाम (?) है222 भरत मल्लिककृत सात - सुबोधा/सुबोधिनी/ प्रदीप/ टीकाओंका एकमात्र नाम प्रदीपिका/ 231 अठारहपुराणों में आकार - मत्स्य/ कूर्म/ वराह/ स्कन्द/ में सबसे बडा (?) पुराण है232 स्कन्धपुराण (?) खण्डों - 7/8/9/10। में विभाजित है233 स्कन्धपुराण की उत्पत्ति - काशी/रेवा/ तापी/प्रभास एवं परम्परा की जानकारी (?) खंड में दी है234 यामुनाचार्य (एक - स्तोत्ररत्न/ सिद्धित्रय/ आलवार संत) के चार आगमप्रामाण्य/ गीतार्थसंग्रह ग्रंथों में (?) अत्यंत लोकप्रिय है235 काश्मीरीय स्पंदशास्त्र - शैव/वैष्णव/ बौद्ध/ शाक्त/ (?) मत का प्रतिपादन करता है236 स्वात्माराम कृत हठयोग - 136/146/156/1661 प्रदीपिका में योगविषयक (?) विषयों की चर्चा हुई 223 वल्लभाचार्यकृत भागवत - सुबोधिनी/ मुक्ताफल/ की टीका का नाम (?) हरिलीलामृत/ अन्वितार्थप्रकाशिका। 224 श्रीमद्भागवत को - वल्लभाचार्य/ रामानुजाचार्य "चतुर्थ प्रस्थान" (?) ने मध्वाचार्य/ निंबार्काचार्य। ___ माना है225 सुप्रसिद्ध सुभाषित - 8/10/12/141 रत्नभाण्डागारम् की (?) आवृत्तियाँ अभी तक प्रसिद्ध हो चुकी है226 जापान के अधिपतिने - सुवर्णप्रभासूत्र/ 237 महाभारत के खिलपर्व का- हरिवंश/ हरिवंशपुराण/ अपर नाम (?) है- हरिवंशविलास हरिभक्तिविलास। 238 हरिवंश के 318 अध्यायों - 20/22/23/25 । की श्लोकसंख्या (?) हजार से अधिक मानी जाती है संस्कृत वाङ्मय प्रश्नोत्तरी / 43 For Private and Personal Use Only

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