Book Title: Sanskrit Vangamay Kosh Part 02
Author(s): Shreedhar Bhaskar Varneakr
Publisher: Bharatiya Bhasha Parishad

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Page 608
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra मुखतः (?) विषय का अनुशीलन किया 881 चाणक्य राजनीतिशास्त्र का संपूर्ण अनुवाद सर्वप्रथम (?) भाषा में एकसहस्त्र से अधिक (?) है 883 कुहनीमतकार दामोदर गुप्त काश्मीर नरेश जयादित्य के (?) थे 884 संस्कृत काव्य जगत् में वैशिष्ट्यपूर्ण काव्यप्रवृत्ति के प्रवर्तक मानने योग्य योग्य (?) कवि है885 समाजजीवन की सदोषता ही अपने कवित्व का विषय करनेवाले अग्रगण्य कवि (?) है886 क्षेमेन्द्र के आठ काव्यों में सबसे बडा (?) काव्य है हुआ 1882 दामोदरगुप्त के कुट्टनीमत 49/59/69/79/ में आर्याओं की संख्या 887 कलिविडम्बन काव्य के रचयिता ( ? ) थे888 वेश्याविषयक काव्यों की रचना (?) कवियों ने अधिक मात्रा में की है889 शान्तिशतक के रचयिता (?) थे890 अन्योक्तिमुक्तमाला के रचयिता शम्भुकवि (?) के सभाकवि थे 891 पाणिनीय धातुपाठ में धातुओं की कुलसंख्या उन्नीस सौ से (?) अधिक है 892 (?) की शास्त्रकाव्य में गणना नहीं होती - 893 रावणार्जुनीय काव्य के रचयिता (?) है - - - - शास्त्रकाव्य / ऐतिहासिक काव्य तिब्बती मंगोल/ सिंहली/ बर्मी । - कलाविलास / चारुचर्या / देशोपदेश / चतुर्वर्गसंग्रह । - प्रधान अमात्य / सेनापति / नर्मसचिव गुरु क्षेमेन्द्र दामोदरगुप्त / गुमानि / गोवर्धनाचार्य | भर्तृहरि नीलकंठ दीक्षित/ क्षेमेन्द्र / जल्हण । www.kobatirth.org अप्पय्य दीक्षित/ नीलकण्ठ दीक्षित / कुसुमदेव/ शिल्हण वंगीय / काश्मीरीय/ केरलीय/ कामरूपीय/ शिल्हण / बिल्हण / जल्हण / कल्हण जयपूर नरेश भावसिंह / काश्मीरनरेश हर्षदेव / तंजौरनरेश रघुनाथ नायक / वरंगलनरेश प्रतापरुद्र । 24/34/44/ 541 रावणार्जुनीय / राघवपाण्डवीय वासुदेव विजय कुमारपालचरित/ भट्टि भङ्गभीम / नारायण कवि / हेमचंद्र । 894 शिवलीलार्णवकार नीलकण्ठदीक्षित के आश्रयदाता तिरुमल नायक (?) के अधिपति थे 895 शिवलीलार्णव के 22 सर्गो में वर्णित 64 शिवलीलाएँ (?) पुराण के अन्तर्गत है 896 नीलकण्ठ दीक्षित की रचनाओं में (?) नहीं है 897 उत्प्रेक्षावल्लभ उपाधि से (?) प्रसिद्ध थे 898 नीलकंठ दीक्षित की छह रचनाओं में (?) रचनाएँ शिवविषय है 899 मल्लिनाथकृत रघुवीर चरित का प्रकाशन (?) द्वारा हुआ 900 कृष्णानन्दकृत सहृदयानंद काव्य का विषय (?) है 901 सहृदयानन्दकार कृष्णानन्द (?) राज्य में सान्धिविग्रहिक थे 904 वासुदेवकृत युधिष्ठिर विजय (?) में अन्तर्भूत 秉 905 युधिष्ठिरविजयकार 906 रामचरित नामक - दिसन्धान काव्य के प्रणेता (?) थे 1 For Private and Personal Use Only - - 902 नलाभ्युदयकार वामनभट्ट- 14/15/16/17 | के आश्रयदाता वेमभूपाल (?) शताब्दी में तैलंग देश के अधिपति - 903 सोमेश्वरकृत सुरथोलाव का कथानक (?) पर आधारित है Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तंजौर / मदुरे कल्याणी/ मैसूर । लिंग / स्कंन्द / ब्रह्म / ब्रह्माण्ड भिक्षाटन कालिविडम्बन सभारंजन / अन्यापदेशशतक । भिक्षाटनकार गोकुलनाथ नीलकण्ठविजयचम्पूकार नीलकंठ दीक्षित/ हरचरितचिन्तामणिकार जयद्रथ / हरिविलासकार लोलम्बिराज । 5/4/3/2 अनन्तशयन ग्रंथावली/ अड्यार लाइब्रेरी / काव्यमाला / गायकवाड संस्कृतसीरीज । नलकथा / पाण्डवचरित/ रामकथा / कृष्णलीला | उत्कल / आन्ध्र / बिहार/ वंग वासुदेव (?) निवासी थे काव्यकुब्ज । दुर्गासप्तशती / देवीभागवत कालिकापुराण / महाभारत । यमककाव्य / रूपकसाहित्य चम्पूकाव्य / महाकाव्य । काश्मीर / केरल / कर्णाटक/ पिनाकनन्दी / प्रजापतिनन्दी संध्याकरनन्दी/ रामपाल संस्कृत वाङ्मय प्रश्नोत्तरी / 31

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