Book Title: Sanskrit Vangamay Kosh Part 02
Author(s): Shreedhar Bhaskar Varneakr
Publisher: Bharatiya Bhasha Parishad

View full book text
Previous | Next

Page 613
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir किया1010 नव्य उपनिषदों में - तुरीयातीतोपनिषद्/ प्रदीर्घतम उपनिषद् (?) तेजोबिंदूपनिषद्/ तुलसी उपनिषद्/ त्रिशिखब्राह्यणोपषिद् 11 यज्ञोपवीत का निर्देश - छान्दोग्य उपनिषद्/ तैतिरीय सर्वप्रथम (?) ग्रंथ में आरण्यक/ शतपथ ब्राह्मण हुआ बृहदारण्यक। 12 सत्यं वद । धर्म चर।"- - ऐतेरय/ तैत्तिरीय/ कठ/ यह आदेश (?) छान्दोग्य। उपनिषद् में है13 गंगाधर भट्टकृत दुर्जन - ब्रह्माण्ड/ ब्रह्मवैवर्त/ मुखचपेटिका ग्रंथ में श्रीमद्भागवत/ (?) पुराण की देवीभागवत महापुराणता स्थापित करने का प्रयास हुआ है14 देवताध्याय ब्राह्मण - ऋग्वेद/शुक्ल यजुर्वेद/ (?) वेद से संबंधित है- कृष्ण यजुर्वेद/सामवेद। 15 देवताध्याय ब्राह्मण का - बर्नेल/ जीवानन्द विद्यासागर सर्वप्रथम संपादन (?) तिरुपति केन्द्रीय संस्कृत ने किया विद्यापीठ/ गंगानाथ झा शोध संस्थान। 16 शाक्त सम्प्रदाय में मान्यता- 5/6/7/81 प्राप्त विद्यमान देवीपुराण की रचना (?) वीं शती में मानी जाती है17 देवीपुराण के वक्ता (?) - वसिष्ठ/ विश्वामित्र/ ऋषि है जमदग्नि/ काश्यप/ 18 'देवीगीता'- देवीभागवत - 7/8/9/10 के (?) वें स्कन्द में अन्तर्भूत है19 देवीगीता की अध्याय - 7/8/9/10 संख्या (?) है1020 देवी उपासकों का प्रमुख - देवीभागवत/मार्कण्डेय/ ग्रंथ दुर्गासप्तशती स्कन्द/ अग्नि। (?) पुराण के अन्तर्गत सुरथराजा/सुमेधा ऋषि । 24 जगमोहनकृत - 36/46/56/66। देशावलिविवृत्ति ग्रंथ में 17 वीं शती के (?) राजाओंका वर्णन है 25 विद्यानिवासकृत - वाराणसी/जगन्नाथपुरी/ द्वादशयात्राप्रयोग में द्वारका/बदरीनारायण । (?) की 12 यात्राओं का निर्देश है26 धनुर्वेद विषयक वसिष्ठ - जयदेवशर्मा विद्यालंकार/ और औशनस संहिताओं विश्वेश्वरानन्द/ करपात्री स्वामी का प्रकाशन (?) ने डॉ. रघुवीर । किया है27 धर्मसिंधु नामक प्रख्यात - पुणे/ पंढरपुर/ कोल्हापूर ग्रंथ के लेखक काशीनाथ अमरावती उपाध्याय (पाध्ये) (?) के निवासी थे28 काशीनाथ पाध्येकृत - पंढरपुर/ करवीर/ प्रयाग/ धर्मसिंधु की शोभायात्रा काशी/ (?) क्षेत्र में निकाली थी 29 धातुपाठविषयक सायणा-- धातुवृत्तिसुधानिधि/ चार्य कृत ग्रंथ का नाम धातुविवरण/ धातुमाला/ धातुप्रदीप। 1030 ध्वन्यालोक का जर्मन - डॉ. कृष्णमूर्ति/ जेकोबी/ अनुवाद (?) ने किया है शोपेनाहोर/ विंटरनिट्झ 31 "हरिचरणसरोजांक"- - नलचम्पू/ रामायणचम्पू/ नाम से (?) काव्य भारतचम्पू/ गोपालचम्पू । प्रसिद्ध है32 नलचम्पू के लेखक - सोमदेवसूरि/ भोजराज/ (?) थे अनन्तभट्ट/ त्रिविक्रमभट्ट 33 (?) देवता के मंत्रों को - त्रिपुरसुन्दरी/गुह्यकाली/ 'नाभिविद्या' कहते है- उच्छिष्टचाण्डाली/मातंगी 34 सुप्रसिद्ध नासदीय सूक्त - 7/8/9/10/ ऋग्वेद के (?) मंडल में है35 यास्काचार्य कृत निघण्टु - सुंदरकाण्ड/ घण्टुक काण्ड के तीन काण्डों में (?) नैगमकाण्ड/ दैवतकाण्ड । नहीं गिना जाता36 यास्काचार्यने अपने - पृथ्वी/ अंतरिक्ष/ स्वर्ग/ निरुक्त में (?) स्थानीय पाताल देवता नहीं माने है37 निरुक्त की टीकाओं में - महेश्वर/ देवराजयज्वा/ सर्वश्रेष्ठ टीका (?) दुर्गाचार्य/ स्कन्दस्वामी । की है 21 दुर्गासप्तशती की -467/567/667/7001 श्लोकसंख्या (?) है22 दुर्गासप्तशती के - देवीमहिम्नःस्तोत्र/ अन्तर्गत (?) नहीं है- पौराणिक रात्रिसूक्त/ देवीसूक्त नारायणीस्तुति। 23 दुर्गासप्तशती के प्रवक्ता - दुर्वासा/समाधिवैश्य/ 36 / संस्कृत वाङ्मय प्रश्नोत्तरी For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638