Book Title: Sanskrit Vangamay Kosh Part 02
Author(s): Shreedhar Bhaskar Varneakr
Publisher: Bharatiya Bhasha Parishad

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Page 589
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 352 शंकराचार्य के स्तोत्रो में - दक्षिणामूर्ति-स्तोत्र/ (?) तांत्रिक है- आनंदलहरी/ सौंदर्यलहरी/ चर्पटपंजरी 353 शास्त्रोक्त भेदप्रकारों में - स्वगत/ सजातीय/ विजातीय (?) भेद नहीं माना जाता प्रांतीय 354 गौडपादाचार्य, शंकराचार्य - गुरु/ दादागुरु/ शिष्य/ के (?) थे विरोधक। 355 "जीवो ब्रह्मैव नापरः" - भाष्यकार/ भामतीकार/ यह वचन (?) का है- पंचदशीकार/ तत्त्वचिन्तामणिकार। 356 विद्यारण्य के गुरु भाट्टदीपिका-टीकाकार। शंकरानंद (?) थे-- अपोहसिद्धिकार/ आत्मपुराणकार/ सुन्दरी महोदयकार। 357 फिद्सूत्रों के कर्ता - शंकुक/ शंतनु/ शंकु/ जैनेन्द्र। 358 ब्राह्मणसर्वस्व के लेखक - उवटाचार्य/ गुणविष्ण/ (?) थे हलायुध/ शत्रुघ्नमिश्र। 335 वेंकटेश कवि के - 20/25/30/40 रामचंद्रोदय काव्य की सर्गसंख्या (?) है336 प्रधान वेंक्प्या का (?) - कुशलव-विजयचम्पृ/ काव्य व्याकरणनिष्ठ है - जगन्नाथविजय/ आंजनेयशतक/ सूर्यशतक। 337 जय ग्रंथ को "भारत" - पैल/ वैशम्पायन/ ग्रंथ का रूप देने का श्रेय जैमिनि/ सुमन्तु (?) को है338 कृष्ण यजुर्वेद की शाखा - शाकल/ मैत्रायणी/ (?) नहीं है- कठ/ कपिष्ठल। 339 ख्रिस्तधर्मकौमुदी- - वृन्दावनचंद्र-तर्कालंकार/ समालोचना के लेखक ब्रजलाल मुखोपाध्याय/ दयानंद सरस्वती/वेणीदत्त तर्कवागीश। 340 व्यासतीर्थकृत द्वैतवाद - तर्कताण्डव/न्यायामृत/ का प्रतिपादक सर्वश्रेष्ठ तात्पर्यचन्द्रिका/मन्दारमंजरी । ग्रंथ (?) है341 द्वैतवादी मुनियत्र में - मध्व/ जयतीर्थ/व्यासराय/ (?) नहीं माने जाते- कृष्णावधूत । 342 कृष्णदेवराय के गुरू - श्रीपादराज/ व्यासराय/ (?) थे जयतीर्थ/ आनंदतीर्थ। 343 "नव्यवेदान्त" के प्रवर्तक- रामानुज/ वल्लभ/ (?) थे विद्यारण्य/ व्यासतीर्थ । 344 व्यासराय के श्रेष्ठ सूरदास/ पुरंदरदास/ शिष्य (?) थे- रामदास/ तुलसीदास 345 महाभारत की रचना का - बदरीक्षेत्र/ हरिद्वार/ स्थान (?) माना जाता है काशी/ कुरुक्षेत्र 346 शंकराचार्य ने (?) वे - 16/18/20/22 वर्ष की आयु में भाष्यग्रंथ लिखे347 कुमारिलभट्ट ने अपने - विषभक्षण/ तुषाग्निदहन/ गुरुद्रोह का प्रायश्चित- जलसमाधि/ अनशन (?) द्वारा लिया348 शंकराचार्य के चार शिष्यों - सनन्दन/ मंडनमिश्र/ में (?) नहीं थे- पृथ्वीधर/ धर्मपाल 349 (?) पीठ चार शांकर - कामकोटी/ शारदा/ पीठों में नहीं है- गोवर्धन/ शृंगेरी। 350 सौंदर्यलहरीस्तोत्र के - पद्मपादाचार्य/ सुरेश्वराचार्य/ रचयिता (?) थे- हस्तामलकाचार्य/ शंकराचार्य 351 शंकराचार्य के प्रकरण - उपदेशसाहस्री/ विवेकग्रंथों में (?) लोकप्रिय है चूडामणि/ अद्वैतपंचरत्न/ धन्याष्टक। 359 मीमांसासूत्रों के पहले - आपदेव/ शबर/ खंडदेव भाष्यकार (?) थे- कुमारिलभट्ट । 360 दुर्घटवृत्ति शरणदेव ने - पाणिनि/ जैमिनि/ चाणक्य/ (?) के सूत्रों पर लिखी व्यास 361 कातंत्र व्याकरण के कर्ता - गुजराथ/ महाराष्ट्र/ बिहार/ शर्ववमा (?) प्रदेश के बंगाल । निवासी थे। 362 महायान संप्रदाय के - सौराष्ट/ काश्मीर/ नालंदा/ दार्शनिक शांतिदेव का तिब्बत। जन्म (?) के राजपरिवार में हुआ था। 363 (?)शांतिदेव की रचना - शिक्षासमुच्चय/सूत्रसमुच्चय/ नहीं है। बोधिचर्यावतार/ तत्त्वसंग्रह। 364 तिब्बत में बौद्धधर्म का - शांतिदेव/शांतिरक्षित। प्रचार (?) ने किया। शांतिसूरि/शरणदेव । 365 "वादिवेताल' उपाधि - शांतिसागर/ शांतिसूरि। के पात्र (?) थे। वेतालभट्ट/ धनपाल। 366 "आदिशाब्दिक" उपाधि - शाकल्य/शाकटायन/ (?) को दी गई है। भागुरि/ व्याडि। 367 प्रत्येक संस्कृत शब्द - पाणिनि/शाकटायन। "धातूज' माननेवाले यास्क/ कात्यायन । प्रथम विद्वान (?) थे। 368 स्थीतर शाकपूणि (?) - भाष्यकार/ निरुक्तकार/ 12. संस्कृत वाङ्मय प्रश्नोत्तरी For Private and Personal Use Only

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