Book Title: Sanskrit Vangamay Kosh Part 02
Author(s): Shreedhar Bhaskar Varneakr
Publisher: Bharatiya Bhasha Parishad

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Page 580
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 28 जैनागमों की भाषा ( ? ) है 29 वैदिक में (?) अंतर्भूत नहीं है 30 पंचदशी के लेखक (?) है 31 नासदीयमुक्त (?) वेद के अन्तर्गत है 32 (?) वैदिक छंद नहीं है 33 युधांशिक कृत स्तोत्र (7) 34 (2) शंकराचार्य का प्रसिद्ध ग्रन्थ है 35 चर्पटपंजरी स्तोत्र के रचयिता ( ? ) है 36 संगीतशास्त्र में ( ? ) श्रुतियां मानी है 37 गांधर्ववेद (?) वेद का उपवेद है 38 गायत्री मंत्र के द्रष्टा (?) थे 39 मीमांसा के गुरुमत के (2) 40 जैन लेखों में लेखक (?) है 41 वैशेषिक दर्शन का श्रेष्ठ ग्रंथ (?) है 42 निरुक्त (?) का एक अंग है 43 भक्ति को (?) ने स्वतंत्र रस माना है। 44 सूत्र का गोविन्दभाष्य (2) मतानुसारी है 45 संगीत लेखक बालराम शर्मा (2) के अधिपति थे 46 अद्भुतसागर (?) शास्त्र विषयक विशालकाय ग्रंथ है 47 बाणभट्ट के आश्रयदाता (?) थे 48 शिवाजी चरित्र विषयक - - = संस्कृत/पाली/अर्धमागधी महाराष्ट्री श्रौतसूत्र / गृह्यसूत्र / धर्मसूत्र / कामसूत्र । विद्यारण्य / पद्मपादाचार्य/ सुरेराचार्य/तोटकाचार्य ऋग्वेद यजर्वेद सामवेद/ अथ गायत्री / अनुष्टुप / जगती/ इन्द्रवज्रा । रामरक्षा / भक्तामर / कल्याणमंदिर / सौंदर्यलहरी । शारीरक भाष्य / श्री भाष्य / अणुभाष्य / भामतीभाष्य । रामानुज / शंकर / बल्लभ / उत्पलदेवाचार्य 12/22/7/8 ऋक् /यजुम/साम / 'अर्थव विश्वामित्र / वसिष्ठ / भारद्वाज / गृत्समद । प्रभाकर मिश्र/कुमारिल भट्ट/ मंडन मिश्र / जैमिनि । अघोष हेमचन्द्र सूरि/ पंचशिख / श्रीहर्ष । पदार्थसंग्रह / प्रशस्त शिख/ पादभाष्य / सप्तपदार्थी/ तर्कसंग्रह । वेद / व्याकरण/ मीमांसा/ धर्मशास्त्र | मम्मट / आनन्दवर्धन / रूप गोस्वामी/ भामह अद्वैत द्वैत वैष्णव शैव । मैसूर कोचीन त्रिवेन्द्रम्/ कूर्ग । ज्योतिष / धर्मशास्त्र/ वेग/ साहित्य | www.kobatirth.org चन्द्रगुप्त / हर्षवर्धन / जयचन्द / प्रतापादित्य छत्रपतिसाम्राज्यम्/ महाकाव्य ( ? ) है 49 (?) ऋषि भगवान् व्यास के पिता थे 50 भास्कराचार्य (?) शास्त्र के विशेषज्ञ थे 51 अजितसिंहचरित महाकाव्य के नायक (?) के अधिपति थे 52 ऋषि वेदमंत्रों के (?) माने जाते हैं। 53 कृष्णकर्णामृत के रचयिता ( ? ) थे 54 विक्रमांकदेव चरित के लेखक (?) थेबुद्धचरितम् के चरियता (?) थे 56 शान्त रस को सर्वश्रेष्ठ (?) मानते है 57 अभिनवगुप्ताचार्य ( ? ) के निवासी थे 58 अभिनवभारती (?) की टीका है 59 रसशास्त्र में साधारणी करण सिद्धान्त के (2) प्रतिपादक थे 60 शब्द का मुख्य अर्थ (?) होता है 61 व्यक्तिविवेक ग्रंथ का विषय (?) शास्त्र है 62 भट्टनारायण की श्रेष्ठ रचना (?) है 63 भट्टनारायण (?) के निवासी थे 64 वेदों के श्रेष्ठ भाष्यकार (?) माने जाते हैं 65 वेद पाठ में (?) स्वर नहीं माना जाता 66 राजस्थान के सर्वश्रेष्ठ आधुनिक संस्कृत कवि (2) है 67 भट्लोल्लट रसविषयक For Private and Personal Use Only - - - - Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शिववैभवम् शिवाय / शिवराज्योदयम् । वसिष्ठ / पराशर / पुलस्त्य / कश्यप । मीमांसा / न्याय / तंत्र ज्योतिष । मारवाड / मालवा / महाराष्ट्र / सौराष्ट्र | कर्ता/ प्रवक्ता / द्रष्टा / उद्गाता चैतन्य / रूपगोस्वामी/ वल्लभाचार्य/ लीलाशुक। कल्हण / बिल्हण / डल्हण / रुद्रट | बुद्धघोष / बुद्धदेव/ अघोष पालित भरत / भवभूति/ भट्टतोत/ अभिनवगुप्त केरल / काश्मीर/ गुजरात / बंगाल । ध्वन्यालोक / काव्यप्रकाश/ नाट्यशास्त्र / रसगंगाधर । भट्टनायक/ भट्टतौत/ धनंजय / अभिनवगुप्त । वाच्यार्थ लक्ष्यार्थ/ व्यंग्यार्थ / तात्पर्यार्थ । व्याकरण / न्याय / साहित्य/ मीमांसा । रूपावतार / वेणीसंहार / दशकुमारचरित / पाण्डवचरित उत्कल / बिहार/ आन्ध्र / बंगाल | कपालीशास्त्री / सायणाचार्य भट्ट भास्कराचार्य/ उद्गीथाचार्य उदात्त / अनुदात्त / प्रगृह्य / स्वरित । भट्ट मथुरानाथ / मधुसूदनजी ओझा/ नारायण शास्त्री कांकर / चन्द्रशेखर शास्त्री । उत्पत्तिवाद अनुमितिवाद संस्कृत वाङ्मय प्रश्नोत्तरी / 3

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