Book Title: Sanskrit Bhasha Ke Adhunik Jain Granthkar
Author(s): Devardhi Jain
Publisher: Chaukhambha Prakashan

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Page 33
________________ ५. . सप्तभंगीनयप्रदीप-टीका ४. श्री नंदनसूरिजी म. ५. श्री दर्शनसूरिजी म. १. सम्मतितत्त्वमहार्णवावतारिका ६. श्री उदयसूरिजी म. ७. श्री अमृतसूरिजी म. ८. श्री शिवानंदविजयजी म. १. वादमाला - टीका ३. अयोगव्यवच्छेदिकावृत्तिः ९. श्री शुभंकरसूरिजी म. १. जैनतर्क भाषा टीका ३.अयोगव्यवच्छेदद्वात्रिंशिका टीका १०. श्री न्यायविजयजी म. ११. श्रीचन्द्रगुप्तसूरिजी म. १२. श्री कीर्तियशसूरिजी म. १३. श्री यशोविजयजी म. संस्कृत भाषा के आधुनिक जैन ग्रंथकार : ३१ ६. नयोपदेशस्वोपज्ञव्याख्यावृत्तिः स्याद्वादरहस्यपत्रविवरणम् १५. श्री गुणहंसविजयजी म. १. सिद्धांतलक्षणटीका १६. श्री राजधर्मविजयजी म. २. महावीरस्तवकल्पलतिका जैनतर्कभाषा - टीका स्याद्वादकल्पतावतारिका २. धर्मपरीक्षाटीप्पणम् २. अन्ययोगव्यवच्छेदद्वात्रिंशिका टीका प्रमाणपरिभाषा टीका व्याप्तिपंचकरहस्यविवरणम् सम्मतितर्कटीका १. वादमाला टीका ३. स्याद्वादरहस्य टीका १४. श्री उदयवल्लभविजयजी म. जैनतर्कभाषाविवरणम् २. न्यायालोकटीका २. व्याप्तिपंचक- टीका. गूढामृतलीला (व्याप्तिपंचकटीका)

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