Book Title: Sanskrit Bhasha Ke Adhunik Jain Granthkar
Author(s): Devardhi Jain
Publisher: Chaukhambha Prakashan

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Page 41
________________ संस्कृत भाषा के आधुनिक जैन ग्रंथकार : ३९ ५. संधिविनोदपंचदशी ६. अण्णुत्तिसययं (प्राकृत) ७. अष्टस्मरणपादपूर्तिः ८. आत्मबोधपंचविंशतिका ९. क्रियागुप्तिशतकम् ४. श्री नंदनसूरिजी म. जैनस्तोत्रभानुः ५. श्री शीलचन्द्रसूरिजी म. १. अलंकारनेमिः २. गुरुगुणसंकीर्तनकाव्यम् ३. चतुर्विंशतिजिनस्तवना ६. श्री कल्याणबोधिसूरिजी म. १. परमप्रतिष्ठाकाव्यम् २. प्रेममंदिरस्तोत्रम् ७. श्री भुवनचंद्रजी म. पंचसूत्रकाव्यम् ८. श्री प्रतापविजयजी म. नूतनस्तोत्रसंग्रहः . . ९. श्री यशोविजयजी म.( प्रवर्तक) स्तुतिकल्पलता १०. श्री मोक्षरतिविजयजी म. हस्तगिरिप्रशस्तिः ११. श्री प्रशमरतिविजयजी म. १. स्मृतिमंदिरप्रशस्तिः २. हेमसंकीर्तनम् १२. श्री राजसुंदरविजयजी म. १. सौम्यवदनाकाव्यम् २. जिनेन्द्रस्तोत्रम् ३. वच्छराजविहारप्रशस्तिः ४. जिनराजस्तोत्रम् ५. अर्हत्स्तोत्रम् १३. श्री हितवर्धनविजयजी म. रामचंद्रः स मे गुरुः १४. श्री प्रशमनिधिश्रीजी म. श्रेयस्करजिनचतुर्विंशतिका १५. नारायणाचार्य कमललब्धिमहोदयकाव्यम्

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