Book Title: Sanskrit Bhasha Ke Adhunik Jain Granthkar
Author(s): Devardhi Jain
Publisher: Chaukhambha Prakashan

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Page 51
________________ ९. दीक्षाधिकारद्वात्रिंशिका ११. आश्वासनम् ४. श्री लब्धिसूरिजी म. ५. श्री धर्मधुरंधरसूरिजी म. ६. श्री दर्शनसूरिजी म. १. पर्युषणकल्पलता ७. श्री रामचंद्रसूरिजी म. १. जीवनसाफल्यदर्शनम् (अनुवाद) २. सुखं धर्मात् (अनुवाद) ३. शुभाभिलाषा (अनुवाद) ८. श्री जयंतसेनसूरिजी म. १. महावीर उक्तवान् ९. श्री नयवर्धनसूरिजी म. १०. श्री कल्याणबोधिसूरिजी म. १. शमोपनिषद् ११. अमृत पटेल १. श्री सुधर्मसागरजी म. २. श्री जवाहरलाल शास्त्री १. श्री पुष्करमुनि १. अहिंसाष्टकम् ३. जपपंचकम् ५. महावीरषट्कम् ७. श्रावकधर्माष्टकम् ९. भारतवर्षपंचकम् संस्कृत भाषा के आधुनिक जैन ग्रंथकार : ४९ १०. विद्यार्थीजीवनरश्मिः स.भा.आ.जै.रा वैराग्यरसमंजरी आराधनाशतकम् २. पर्युषणकल्पप्रभा २. त्याग - निधयः साध्वाचारसमुच्चयः २. देशनोपनिषद् सूक्ति: कलापूर्णगुरोः शिवाय दिगंबर परंपरा षट्कर्मोपदेशमाला जिनोपदेशशतकम् स्थानकवासी परंपरा २. सत्यपंचकम् ४. ब्रह्मचर्यपंचकम् ६. गुरुदेवस्मृत्यष्टकम् ८. मौनव्रतपंचकम्

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