Book Title: Sanskrit Bhasha Ke Adhunik Jain Granthkar Author(s): Devardhi Jain Publisher: Chaukhambha Prakashan View full book textPage 52
________________ तेरापंथी परंपरा १. श्री चंदनमलजी म. -- णीईधम्मसूत्तीओ (प्राकृत) (अर्वाचीन ग्रंथकारों ने कुल मिलाकर ४८ के आस-पास उपदेशग्रंथ लिखे हैं। हिंदी-गुजराती-अंग्रेजी आदि भाषा में उपदेशसाहित्यलिखा गयाहैवह तो बेहिसाब है।)Page Navigation
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