Book Title: Sanskrit Bhasha Ke Adhunik Jain Granthkar
Author(s): Devardhi Jain
Publisher: Chaukhambha Prakashan

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Page 57
________________ संस्कृत भाषा के आधुनिक जैन ग्रंथकार : ५५ इस निबंध से आधुनिक जैन संस्कृत, प्राकृत ग्रंथकारों का नाम परिचय जरूर मिलेगा। इस निबंध से जो निष्कर्ष निकलता है वह इस प्रकार हैग्रंथ प्रकार संख्या १. आगम विषयक ग्रंथ २. प्राचीन प्रकरणकी टीकाएँ। ३.नूतन प्रकरण रचनाएँ ४. कर्म विषयक रचनाएँ ५. व्याकरण ग्रंथ ६. कोश ७. दार्शनिक ग्रंथ ८. अलंकार ग्रंथ ९. छंदःग्रंथ १०. प्राचीनकाव्य टीका ११. महाकाव्य १२. खंडकाव्य १३. गद्यकाव्य १४. अध्यात्मग्रंथ १५. उपदेशग्रंथ १६. कथाग्रंथ १७. निबंध कुलग्रंथ *

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