Book Title: Sanskrit Bhasha Ke Adhunik Jain Granthkar
Author(s): Devardhi Jain
Publisher: Chaukhambha Prakashan

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Page 39
________________ संस्कृत भाषा के आधुनिक जैन ग्रंथकार : ३७ ६. श्री मुनिचंद्रसूरिजी म. शालिभद्रमहाकाव्य-टीका __ श्री मुक्तिचंद्रसूरिजी म... ७. श्री कल्याणबोधिसूरिजी म. प्रार्थनोपनिषद् ८. श्री रत्नबोधिविजयजी म... जयतिहुअणस्रतोत्रवृत्ति ..... ९. रम्यरेणु .. १. पणिपीयूषपयस्विनी २. वज्रस्वामीचरित-अन्वयः १०. श्री महायशाश्रीजी म. चतुर्विंशति चैत्यवंदना-टीका २.महाकाव्य की रचनाएँ श्वेतांबर मूर्तिपूजक परंपरा १. श्री सुशीलसूरिजी म. लावण्यसूरि महाकाव्यम् । २. श्री धर्मधुरंधरसूरिजी म. , वज्जचरियं (प्राकृत) ३. श्री कल्याणबोधिसूरिजी म. . १. सिद्धान्तमहोदधिमहाकाव्यम् २. समतासागरमहाकाव्यम् । ३. भुवनभानवीयमहाकाव्यम्-सकार्तिकम् । ४. श्री मोक्षरतिविजयजी म. रामचंद्रीयमहाकाव्यम् ५. श्री प्रशमरतिविजयजी म. माणिभद्रमहाकाव्यम् ६. श्री रत्नबोधिविजयजी म. समतामहोदधिमहाकाव्यम् ७. नित्यानंद शास्त्री १. पुण्यचरितमहाकाव्यम्। २. क्षमाकल्याणचरितम् ८. हीरालाल हंसराज विजयानंदाभ्युदयमहाकाव्यम् दिगंबर परंपरा १. श्री ज्ञानसागरजी म. १.८ १. जयोदयमहाकाव्यम् .. २. वीरोदयमहाकाव्यम् ३. सुदर्शनोदयमहाकाव्यम् ४. समुद्रदत्तचरितमहाकाव्यम्

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