Book Title: Sanskrit Bhasha Ke Adhunik Jain Granthkar
Author(s): Devardhi Jain
Publisher: Chaukhambha Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 40
________________ ३८ : संस्कृत भाषा के आधुनिक जैन ग्रंथकार ५. वीरेन्द्रशर्माभ्युदयमहाकाव्यम् २. मूलचंद्र शास्त्री -- लोकाशाहमहाकाव्यम् ३. बालचंद्र शास्त्री स्वर्णाचलमहाकाव्यम् ४. उदयचंद जैन बाहुबलिमहाकाव्यम् स्थानकवासी परंपरा १. श्री घासीलालजी म. १. लोकाशाहमहाकाव्यम् २. शांतिसिंधुमहाकाव्यम् २. श्री देवेन्द्रमुनिजी म. अमरसिंहमहाकाव्यम् ३. श्री मिश्रीमलजी म. १.पांडवयशोरसायनम् (कड़क मिश्री) २. रामयशोरसायनम् तेरापंथी परंपरा १. श्री नत्थमलमुनि (बागौर) भिक्षुमहाकाव्यम् २. रघुनंदन शर्मा तुलसीमहाकाव्यम् ३. खंडकाव्य की रचनाएँ श्वेतांबर मूर्तिपूजक परंपरा १. श्री लब्धिसूरिजी म. चैत्यवंदनचतुर्विंशतिः २. श्री न्यायविजयजी म. १. वीरविभूतिः २. महात्मविभूतिः ३. भक्तगीतम् ४. दीनाक्रंदनम् ५. धर्मसूरिश्लोकांजलिः ६. महेन्द्रस्वर्गारोहः ७. भगवत्पंचाशिका ३.श्री धर्मधुरंधरसूरिजी म. १. आत्मबोधरसायनम् २. समणधम्मरसायणं-सटीकम् (प्राकृत) ३. मयूरदूतम्--सटीकम् ४. लक्षणविलासः

Loading...

Page Navigation
1 ... 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68