Book Title: Sanskrit Bhasha Ke Adhunik Jain Granthkar
Author(s): Devardhi Jain
Publisher: Chaukhambha Prakashan

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Page 34
________________ ३२ : संस्कृत भाषा के आधुनिक जैन ग्रंथकार १. श्री नेमिसूरिजी म. १. न्यायसिंधुः ३. सप्तभंगीउपनिषद् ५. स्पृश्यास्पृश्यनिर्णयः ७. अनेकांतोपनिषद् नूतन ग्रंथ रचना श्वेतांबर मूर्तिपूजक परंपरा २. श्री बुद्धिसागरसूरिजी म. ३. श्री न्यायविजयजी म. १. न्यायतीर्थप्रकरणम् १३. अनेकांतविभूतिः ४. श्री दर्शनसूरिजी म. ५. श्री नंदनसूरिजी म. १. जैनसिद्धांतमुक्तावलिः , जैनतर्कसंग्रहः ३. २. नयोपनिषद् ४. प्रतिमामार्तंडः ६. अनेकांतत्तत्त्वमीमांसा १. सप्तभंगीमीमांसा ३. जगत्कर्तृत्वमीमांसा १०. श्री शीलचंद्रसूरिजी म. जैनस्याद्वाद उक्तावलिः २. न्यायकुसुमांजलिः स्याद्वादबिंदु: २. जैनसिद्धांतमुक्तावलि - टीका ६. श्री उदयसूरिजी म. १. मूर्तिमंतव्यमीमांसा ७. श्री लावण्यसूरिजी म. ८. श्री धर्मधुरंधरसूरिजी म. १. जगत्कर्तृत्वनिरासविंशिका २. स्वाध्यायभाष्यम् ९. श्री शिवानंदविजयजी म. २. मूर्तिपूजायुक्तिबिंदु: नयगोचरभ्रमनिवारणम् २. निक्षेपमीमांसा जैनतर्कसंग्रह-टीका

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