Book Title: Sanskrit Bhasha Ke Adhunik Jain Granthkar
Author(s): Devardhi Jain
Publisher: Chaukhambha Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 31
________________ १. श्री चंद्रजी म. २. श्री कुसुमप्रज्ञाजी म. ३. श्री सिद्धप्रज्ञाजी म. श्री निर्वाणश्रीजी म. ४. श्री अशोक श्रीजी म. श्री विमलप्रज्ञाजी म. श्री सिद्धप्रज्ञाजी म. श्री कुसुमप्रज्ञाजी म. अन्य १. मोहनलाल बांठिया १. लेश्याकोश ३. वर्धमानजीवनकोश संस्कृत भाषा के आधुनिक जैन ग्रंथकार : २९ तेरापंथी परंपरा आगमशब्दकोशः एकार्थकशब्दकोशः निरुक्तकोशः देशीशब्दकोशः २. क्रियाको (अर्वाचीन ग्रंथकारों द्वारा संपादित कोशग्रंथों की संख्या ३१ के आस-पास है। हिंदी - गुजराती-अंग्रेजी भाषा के कोश तो अनेक हैं।)

Loading...

Page Navigation
1 ... 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68