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समय की चेतना
धरती के इतिहास-पटल पर अब तक जितनी भी घटनाएं घटी, समय ने उस हर घटना को देखा है। देखा ही नहीं, वरन् घटाया भी है । समय सबका साक्षी है । सबका सूत्रधार है । हर युग का, हर मनुष्य का । समय ने महाभारत देखा है और समय ने ही महाभारत रचा है। समय ने महावीर और बुद्ध के कैवल्य की छाया पाई है, राम और कृष्ण की रासलीलाओं का रसास्वाद किया है । चाणक्य की नीति और सिकन्दर की विश्व-विजय देखी है, हिटलर की हिंसा और ट्र मेन के हाथों नागासाकी और हिरोशिमा का विध्वंस भी देखा है। समय हर घटना-दुर्घटना का द्रष्टा है । सृष्टि
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