Book Title: Samavayangasuttam
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: B L Institute of Indology
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Samavāyāngasūtra
__ 158 158. जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे 'इमीसे ओसप्पिणीए बारस चक्कवट्टीपितरो होत्था, तंजहा
उसभे सुमित्तविजए समुद्दविजए य विस्ससेणे य। 'सूरिते सुदंसणे पउमुत्तर 'कत्तवीरिए चेव॥११९॥ महाहरी य विजए “य पउमे राया तहेव य। बंभे बारसमे वुत्ते पिउनामा चक्कवट्टीणं॥१२०॥
In the continent of Jambūdvīpa, in Bhārata region (varşa), in this very descending half-cycle, there were twelve fathers of the universal monarchs namely : Rsabha, Sumitravijaya, Samudravijaya, Visvasena and Sura, Sudarsana, Padmottara, Kārtavīrya, Mahāhari, Vijaya, king Padma and Brahma, the twelfth-are said the name of universal monarchs' fathers. 119-120.
जंबुद्दीवे णं दीवे 'भरहे वासे 'इमाए ओसप्पिणीए बारस चक्कवट्टिमायरो होत्था,
तंजहा
12सुमंगला जसवती भद्दा 1 सहदेवा अतिरा सिरि देवी।
1. तिमीसे खं० जे० ॥ 2. उसभे सुमित्ते विजए समुद्दविजए य आससेणे या विस्ससेणे य सूरे सुदंसणे कत्तवीरिए य॥ पउमुत्तरे महाहरी विजए राया तहेव याबंभे बारसमे उत्ते पिउनामा चकवट्टीणं॥ इति मु० मध्ये पाठः। तुला-"उसमे सुमित्तविजए समुद्दविजए अ अस्ससेणे या तह वीससेण सूरे सुदंसणे कत्तवीरिए अ ॥३९९॥ पउमुत्तरे महाहरि विजए राया तहेव बंभे य। ओसप्पिणी इमीसे पिउनामा चक्कवट्टीणं ॥ ४००॥" इति आवश्यकनियुक्तौ॥ 3. अस्ससेणे य हे २। अस्ससेणे य विस्ससेणे य ला १॥ 4. सूरित जे०। सूरेत ला १। 'सूरे त' इत्यपि पाठोऽत्र भवेत्॥ 5. “वीरिए य ला १॥ 6. य नास्ति जे० ला १॥ 7. तह य हे १ ला २॥ 8. वम्हे खं० हे १ ला २॥ 9. भारहे हे २ मु०॥ 10. वासे नास्ति ला १ मु० विना॥ 11. तिमाए खं० हे १ ला २। इमीसे मु०॥ 12. तुला-आवश्यकनियुक्तौ गा० ३९८ ॥ 13. देवि हे २ ला १। देवी मु०॥
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