Book Title: Samavayangasuttam
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: B L Institute of Indology

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Page 401
________________ Great Men 349 158सिद्धत्थे पुण्णघोसे य, महाघोसे य केवली। 15°सच्चसेणे य 160अरहा, अणंतविजए इ य॥१६४॥ Siddhārtha, Pūrņaghoșa, omniscient Mahāghoşa and Satyasena will be future Seers.164. सूरसेणे महासेणे, *देवसेणे य केवली। सव्वाणंदे य अरहा, 161देवउत्ते य 162होक्खती॥१६५॥ Sūrasena, Mahāsena, omniscient Devasena, Seer Sarvāṇanda and Devaputra will be (future Seers). 165. सुपासे सुव्वते 163अरहा, महासुक्खे य कोसले। * 164देवाणंदे अरहा णं विजये विमल उत्तरे॥१६६॥ अरहा अरहा य महायसे। देवोववाए * अरहा 165आगमेस्साण होक्खती॥१६७॥ Supārsva, Seer Suvrata, Mahāsukkha, Seer Sukošala, Seer Devānanda, Vijaya and Vimala will be future (Seers). 166. Seer Mahāyasa will be future Seers. 167. 158. खं० मध्ये प्रथमे पाठे सिद्धत्ये इति, द्वितीये तु सिद्धे य इति पाठः। दृश्यतां टि० ३॥ 159. खं० मध्ये प्रथमे पाठे सच्यसेणे इति द्वितीय तु सव्वसेणे इति पाठः॥ सबसेणे जे० जे १ हे १ ला १, २ । दृश्यतां टि० ३ । प्रवचनसारोद्धारे [गा० ३०१] सव्वसेणे इति पाठः, तद्वदत्तौ तु सत्यसेन इति व्याख्यातम्॥ 160. अरहा आगमिस्साण होक्खई ॥४९॥ सूरसेणे य अरहा महासेणे य केवली मु०॥ देवसेणे नास्ति जे ॥ 161. देवहुत्ते हे २। देवदत्ते हे १ ला २ ॥ 162. खं० मध्ये प्रथमे पाठे होक्खति इति, द्वितीये तु होक्खती इति। दृश्यतां टि० ३॥ 163. जे० विना अरहा महासुक्के य य सुकोसले खं०। अरहा महासुक्के य कोसले हे २ । अरहा अरहा य सुकोसले ला १। अरहा अरहे य सुकोसले मु०। अरहा य सुकोसले जे १ हे १ ला २॥ 164, " एतदन्तर्गतपाठस्थाने-दवाणंदे [य हे २] अरहा अणंतविजए ति या विमले उत्तरे अरहा अरहा य महाबले। देवोववाए जे० विना। अरहा अणंतविजए आगमिस्सेण होक्खई ॥११॥ विमले उत्तरे अरहा अरहा य महाबले। देवाणंदे य मु०॥ 165. मेसाण खं० जे १ ला २। मिस्सेण मु०॥ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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