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॥ नमः श्री जिनशासनाय ।
सम्पादक की ओर से.......
श्री देवगुरू-कृपा से जिनशासन के महान् ज्योतिधर आगम-सम्राट श्री आगमोद्धारक प्राचार्य देवश्री के समुद्र जैसे अगाध जीवन चरित्र के लेखन का मंगल कार्य पू. गच्छाधिपति आ. श्री माणिक्यसागर सूखियं श्री को वरद कृपा से, उनकी हैसियत के बाहर होने पर भी सुव्यवस्थित रुप से चलाया। उसके दूसरे भाग में पू. प्रागमोद्धारक प्राचार्य देव श्री की दीक्षा के प्रसंग का आलेखन देवगुरु-कृपा से मिले अनेक प्राचीन प्रामाणिक पत्रों का संकलन होने पर मांगलिक विचार स्फुरित हुआ है।
जगप्रसिद्ध महापुरुषों के जीवन चरित्र की श्रेणी में पू. प्रागमोद्धारक आचार्य देवश्री गुरुभगवंत श्री झवेर सागर जी म. का नाम मुख्य प्राता