Book Title: Rushidattras
Author(s): Jayvantasuri, Nipuna A Dalal, Dalsukh Malvania
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 133
________________ - पाठांतर ५. मिसिई बड, मिसई कग, मिसि इ, जिसि फ दिखाडइ ग, तनि प्रभंगी ब, इभवसइ अग, मां छे'' मदवसिइं ड, मदवसि इ, मदवसिइ फ, गरलजसी इ, हुइ ग, चांपांछोड बकड, मोडामोडि ब. ६. सलाका कड, शालाका फ, चबकई ब, चबकइ क, बांधिउ फ, दोरीइ ब, नअनदोरोइ क, जांणि क, बिचोरीइ क, चोरोही बड. ७. नयना कग, दूतीपण बडइफ, दूतीपणू क, दुतीपणु' ग, मननई मन अ, करि इ, अछि फ, पछइ अ, पछि इ, अकगाण ब, अकापणु क, अकंगण ड, अकांपण इ, अकारणू फ, परि बडफग, परि इ, सहीयारोकरि इ, सहीयारु फ, सहियारू ग, मनई ब मां छे जिव्यइजिव फ, जिवि जिव ग, प्रेमि फ, परिवरिइ इ, परवरइ फ. ८. प्रीयुस्युं क, प्रोउस्यु ब, प्रउस्यु ड, प्रोउसिर फ, प्रियेस्यु ग, लागु बकइफग, प्रेममन ब, मनरुचिई कग, मनरुचद ड, मररूचि इ, मनरूचिद फ, संचापि इ, विचिई क, ड, विचि इ, विचिइ फग, जाणेक वस्तू ब, वस्त फ, अवगण बडग, अवगणुं क, अव गुणू इ, प्रीउतणू बडइ, प्रीउतणुं कफग, ९. छि फ, प्राणीनइ ब, पांणीनइ ब, प्राणोन इ, नादई ब, नादिई ड, नादी इ, नादी फ, वेध्य ब, वेध्युमृगलु डग, वेध्यो मृग इ, वेध्यु मृग फ, मृगजिम कइ, मृगयम फ मां छे. दोवामांहइ ब, दीबामाहिं क, दोवामांहिं डग, दीवामांहि इ, दीवामाहि फ, तडफडिइ इ. वेध्यू ब, वेयु उग, वेध्यो इ, वधिलं फ. दाह बकाग, सहिदाह फ, अली इ, मांहइ ब, माहि ड, माहिइं ग, मरिइ ड, आभिसनइ क, रसिंइ ड, प्रेमिवसिई कड प्रेमवसि ड, प्रेमवस्यई फ. ११ कुहुनई क, कहुनइ डग, कहुनि ड, कहएनइ फ, वातु ड, माहिथी ड, सातधात अग प्रेमतणो इ, पेमतणु ग, बुझइ इग, आपोभापि डइ, बुझइ आपि "ब मां छे.'' १२ बइर ब, कवु ब, नयनांन ब, नयणांनि कडइ नयणानि फ, सरिपातिग ब, सरिपातक क, सिरिपतिक ड, सिरिपात्तिग फ, निसिदिनि ड, “चिंता बहइ अतीव' डमां छे, दहिं फ, प्रेम करयय क, प्रेमक'धु ड, प्रेमकरयो ड, प्रेमकरिउ फ, ताहाँ ग, बांध्या ब पांधुजिव ड, बाँधन इ, बांध्यो जिव ग, नीद्रा ड, जाणइ इ. १३ मुखत्रस फ, नीद्रा ड, निगमी बइग, जाणई अड, तपशाइ फ, तपसाधे ग, बोल्यू चाल्यू बकग, बोल्यु चाल्यु ड, बोलु चालु ड, बोलि उ, बलि उ, कहिस्यु बकडग, काहसुं ड, कृसतनु बग, दोहिलई बकइ, दोहलई ड, दोहिलुइ ग, नोगमई बग. १४. "वालइ आमु' इ मां छे, मनमह आणी वड, सुंदरी मांगो मनमा हे धीर कफ, मन मिधीर इ, मनमा हि ण धीर ग, कुमरनि पणि इ, मन ते १क एक कहायइ अ, मनंई मन पछइ एक २६ ब, मनई मन कहाइ ड, मनि मन्न ते एक कहाइ इ, मनिइ मततव कहिवाइ फ. १. Jain Education International www.jainelibrary.org For Private & Personal Use Only

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