Book Title: Rushidattras
Author(s): Jayvantasuri, Nipuna A Dalal, Dalsukh Malvania
Publisher: L D Indology Ahmedabad
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७२
पाठांतर
क, हाणायु बकडइ, हाणायु, हणायुं ग, सपिणि ब, विसपिणि कर, मतकुण ड,
विसर्पिणि ग. ३३ वापण बक, वापनु ड, वायु पनइ, वायपणि ग, कुष्टीनु वर्जवु कड, कुठिनो इ, वर्जि
वठ फ, वज्जवउ ग, डाहि ब, कुशंगति अ, कुसंगतेम इ, तरजवु ब, तजुवुने बदले वर्जवु डमां, तजवउ फ, तज्व उ ग, वहिल कड, वहलु इ, विहिल फ, बहुले ग, गयु कडग, गउ इ, विलखु थइ रह्यु बकड, विलेखा थइ रहठ इ, विलखु यह
रहिउ फ. ३१ ते निंदी रह्या क, “निदी रह्या” इ, तंदी ते रह्या फ, निदि ग, सरखा बक, सरखागया
ड, सरिखागया ग, पूरण बडइ, पूरणमास क, पूरइमासि फ, पूरणमासि ग, सुविलास
कफ. ३५ ऋषिप्रसाद ग, नामिइव, नांइ ड, रिषिदत्ता नामि इ, नामि ग, सुयरोगि बइ,
सूयरोगिई फ, सूआरोगी ग, पामो ब, प्रीतिमतीनां पुहुंता फ, पुहुता बड, पुहता इ. ३६ ते बालानइ बक, पालई ग, रूपलाइ ग, ते बालइ फ, क्लाइ बडइ, अणि ड, जिपती
फ, तातिइ ड. ३७ रूपवंति ब, रूपवंती इग, हवइ ग, कउ दूष्टपणुब, दुष्टपणु कइग, दुष्टपणूं ड, चीतवइ
अ. बीचतवइ इ. लोचन इफग, लोचन शुधि ड, भद्रशीकरण डइफ. मशीकरण ग,
मई कग, कीध ग. ३८ हंतात ब, मइ अ, "तुझ सघलो कहीं वात' अबकइफग, इणीई आपि इ, भापइ
अ, दरसन क, दरिसन ड, दरसण फ, हरिशन ग, दिद्ध ग, तु देखीनि इ, मोहि ग, मूंधि बड, मुधि क, मुधि फ, मुद्धि ग.
ढाल ८ १ कुमरनुं बडग, कुमरतुं क, कुमरनु फ, शसि अ, मसि क, वसि अ, नेहवनिक, नेहय
सईड, मनु सुताओ फ, नयण क, नयन खंचइसे फ, "अंचले ने बदले पंसे छे" अवओ ड, मरकल ग, गुणयुताए क, वेधविलूघडी मे कडइग, मनस्यूं बकफ, मनस्यु डग, मऊसु इ, वयु ब, वेधरू फ, वस्यउ ग, सविगुणइ परिवरित ब, सविगुणी परिवर्यु क, सविगुणपरिवयु ड, सविगुणिं परवरीउ य, परवर्क फ, सविगुण परिवर्या ग, अंखडीम इ, करीधरी आंखडी फ, अंखडी अ.
घटक भवराहि इ, अवराह ग, मनमाहि ड, करीमाहिं ई, अंगिमलही क, अंगिति फ, अंगितिइ ग, रूधिउ ब, रुध्यउ क, रुंध्यु डग, रहि ग, रुंध्योरहि इ, रुच्युरहि फ, किम क, उलतीयां ब, अलटिउ फ, उनयु बड, उनहयु क, उननउ इ, ढांक्यु बक, ढाक्यु ड, ढाक्यो इ, ढाकिउ फ, ढाक्यो ग, कहिनु कग, कहितु ड, कइहनु फ, वचन डइ, पकट फ, करिइ इ, कुमरणि बकड, कुमरपण्य फ, कुमरिपणि ग, तसपेमलवधु बडफ, लुधउ क, लुधु इ, तेहनु फ, मनि बडग, मनिध क, तेहनि मति धरिद इ, (मुनिधरी फ).
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