Book Title: Rushidattras
Author(s): Jayvantasuri, Nipuna A Dalal, Dalsukh Malvania
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 163
________________ पाठांतर ९ कहिनननई ग, अवस्य अ, आपयो बकडइफ़. १० परीयछि इ, आंतरिं इ. तिरं इ) अतिरि फ, तव मल्या बकडइ. ढाल : ३६ १ निरनारि ब. २ वादलमांहाथी क, प्रगटयो इ, होइइ, जसु उ . इ, जितई बकड, उल्हसिउ ब, उल्हस्यु क, उल्हस्यु ड, उहउलस्यु उ फ, उल्लायू ग. ३ विपती बकडफ. ४ प्रायंस अ, प्रशंस इ. ५ भात्तेलिखो क. ६ संगारिजि बड, सिंगारि सजि क, सिंगारजसि इ, संगार इ सजि फ. ७ तिबोली फ, अधुरि क, सरंग कफ, खर इण बक ८ विणि भुगि ब, भुयंग कडइग, भुइगम फ ९ मागणथोक इ, प्रशंशा ब, चिनिधरइ ग, धग फ १० कुमुरगुणी बडइफग. ढाल : ३७ राग : देशाख मेकवीसानी १ अहवइ ब, अहव्यति क, अहव्यतिकररे उफग, अहवतिकर इ, आरूपीरे ब, अति. छवि क. त्रूटक २ रूपि जिम ससि रोहिणी कड, रूपि यम पसिरोहिणी इ, रूपइ जिम शशी राहिणी फ, तिरथो अग, राई तज्या क, राय तजिय फ, तसनासिकास्यूं ब, नासकास्युं ड, तस मासिकासिठ फ, पहरी इ, देसियकी पहरी. ३ भाखइ इग, कूयररे इ, यममंदिरि क. वटक नेह परीक्षा कडइ, जोयवा बड, जे इवानिइ क, जोइवानि इ, जायवानइ फ, पालाइ फ, दीधी नवावा फ, प्रेम आणु ग, रोमंच्यू ब, रोमंचिउ क, रोमंच्यु ड, कूयर रोमंच्यो इ, रोमंचि फ, पनगरे चिहर फ, “मणिपन्नगरे विषहर" बक, विषहर विषधर इ, मनिवस्यु कडइफ, सजनसभावई निरमला क, सज्जन सवावई निरमलं ड, सज्जना सभावई निरमलो ग. . ४ आगृधरी फ, मंदिरि बकडफ, उमटाया बड. टक विदोजन इ, लाजतुर क, लाजतु ड, लाजतो इ, खामिघणू फ. राज ठवी बकफ, राजिइं इ, सपलो बडइ, मल्हावो फ, वैरागियं डसं सांनिधिई इ, सान्निध्यइ ग. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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