Book Title: Rushidattras
Author(s): Jayvantasuri, Nipuna A Dalal, Dalsukh Malvania
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 166
________________ परिशिष्ट - १ 'ऋषिदत्ता रास'ना छंद कविए आ रासमां संस्कृत प्राकृत भाषाना मात्रामेळ छंदो के देश्य भाषाओना वर्णमेळ छंदोनो प्रयोग नथी कर्यो ए हकीकत एमनी कथावस्तुने जे स्वरूप आपवा धार्यु छे तेनुं सूचन करती होय एम जणाय छे. रासमां ४१ ढाळो छे जेमां वीस जेटली राग-रागिणीओना प्रयोगो कविए कर्या छे. एवुं लागे छे के ऋषिदत्ता जेवी ऋषिपुत्रीने उचित आ रासना काव्यदेह रूपपरिधान करवानुं कविने उचित लाग्यं होय. आधुनिक शहेरी नारीना देहसौन्दर्यने नहि पण एक वन्यबालाना सहजप्राप्य देहलावण्यने अनुरूप काव्यदेहने अमणे विस्तार्यो अने विकसाव्यो छे. छटादार शब्दोनी झलकथी काव्यदेहने अलंकृत कर्यो छे. रस निपजावी एमां स्वाभाविक लावण्य आण्युं छे. राग-रागिणीओथी गरबा लेतुं चापल्य अने गीतनी लढणमां तरबोळ ने तेथी ज देहभान भूलती मदोन्मत्त रीति प्रयोजी छे. पासादार भाषाप्रयोगोथी एना देह उपर वस्त्रपरिधान कर्तुं छे. कयांक कयांक कहेवतो मूकीने ओमना कवित्वने पुष्टि आपतो झांझरना तालनो मेळ मेळव्यो छे. साचे ज जयवंतसूरिना आवा लाक्षणिक रचनाकौशलमां बाहय संस्कारमां राचती शहेरी नारीना नहि पण ग्राम्यसंस्कारथी स्वयं प्रतिष्ठा मेळवेली ग्रामीण नारीना स्वरूपनो ख्याल डोकियुं करावी जाय छे. कालिदासनी उक्तिमां कहीए तो " किमिव हि मधुराणां मण्डनं नाकृतीनाम्” रासमां आवती देशीओ अने कडीओनुं परिमाण नीचे प्रमाणे छे :दूहा १-८. ढाल- १ ढाल - २ राग गुडी. सिद्धारथ नरपति कुलई-ए देशी. कडी १-३ ( कुल ११) राग केदार ढाल - अढीआनी कडी १-१८ ( कुल २९ ) राग आसाउरी. ढाल - वेलिनउ. दूहा १ - २, कडी १ - ४७ ( कुल ७६)+२ राग रामगिरी. देशी - ईश्वरना वीवाहलानी. कडी १-२ ( कुल ७८) राग गुडीमांहइ ढाल चउपइनी. कडी १-२१. ( कुल ९९ ) राग वइराडी. कडी १-३८. ( कुल १३७ ) राग देशाख. देशी - माईई न पराई सरसति. कडी १-५ ( कुल १४२) राग महलार. देशी - मसवाडानी पहिली. कडी १-१९ ( कुल १६१ ) ढाल – १० राग धन्यासी. देशी - विदेहीना देहइ रामइया राम. कडी १--९ ( कुल १७० ) ढाल - ९ ढाल-३ दाल-४ ढाल - ५ ढाल- ६ ढाल-७ ढाल-८ ढाल - ११ राग पंचम. कडी १-१६. ( कुल १८६) ढाल - १२ राग केदारगुडी देशी चन्द्रायणनी-नमणी खमणी नई मनिगमणी. कडी १-१४ ( कुल २०० ) ढाल - १३ राग रामगिरी. देशी - ब्राह्मण आव्यउ याचवा सुणिं सुन्दरी. कडी १ - १२. दूहा - ६. ( कुल २१८ ) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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