Book Title: Rushidattras
Author(s): Jayvantasuri, Nipuna A Dalal, Dalsukh Malvania
Publisher: L D Indology Ahmedabad
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पाठांतर
१३. सासन मायारे इशाना आयुरे ग, सान आयरे ब, लवलेश रहोजे इ, ते लिध अपायरे
ब, ते लध अपायरे कइ, लिधउ पायरे इ, ते लीध अपायरे फ, भइ लब्ध अपायरे ग.
ढाल ४१
राग : धन्याश्री
मसवाडानी छेहली देशी १ सेवा क, जेहेवां इ, जातोसमरण ड, गुरुवयणां इ, सुण्यांहो इ, निजतइ हो इ.
टक २ ततखेव ब, वचनि ण इ, ली होती क, धू बक, सुधूं ग, पावइ श्री गुरू पासइ अ,
मुझमआरोपउ क, आरोपुं ग, “भवदेखे ततखेव" गमा बोजवार नथी' "विलंब नकरह लवलेश" गमां बीजिवार नथी. सुत थासुउ क, थाप्यु निजराजि बगड, थाप्यो निजराउज
इ. थापित निजराजि फ.. ३ संयम लीधुं आदरिं इ, रषिदत्तास्यूं बक, दुसूप क.
अटक अमायो ग, अनगार क, विवर्जन क, वंजता इ, दुध्यांन ड, दुर्ध्यान इ, दुध्ययत्ति
ग, भदिदिलपुरि क, भदलिपुरि फ, जिननइं कीधु ड. ४ प्रजाली बकडइग, कलंकी मूकाणी अ, तृणकर्मनिकाय कडइग, शुभमुनिधर्म इ, सूधि ।
मनि फ.
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