Book Title: Rushidattras
Author(s): Jayvantasuri, Nipuna A Dalal, Dalsukh Malvania
Publisher: L D Indology Ahmedabad

Previous | Next

Page 144
________________ पाठांतर ७९ मार्या फ, युवानसब कार्या कग, हनतिइ बड, हनत हनत कइफ, "स्त्री शब्द कफ मा नथी " को नउगारया ब, कुणउगारया ड. ६ आपि इ, क्युं यमहइ बग, क्यू यमदूर कर, कुंजिमदूइ ड, करति डइ, ऋषिदत्तास्यु बकडग, मंडीजोरी क, "ऋषिदत्तास्यु मांडी जोरी........निशि निशि........साहारी" आखी डी फमा नथी.. ७ निसि निसि बकडइग, प्रतिइ ग, उणइ कडइ, खेविई क, खेवई ड, मंदिरि बकड, “निसिगममइ नारी" ड, शाहारी क, साही ड, नाखाशाहारी इ. ८ ऋषिदत्ताकइ ब, मधुर ग, सोणित बडग, शोणित फ, भंगिइक, अभंगिइ डफ, करी रोस अभंगि इ, वस्त्रिई बड, वस्त्रिंई इ, देवइ बग, सोणित ग, करषु कइग, योगिन ५. सितिसिया ड, शियया क, शया फ, सिज्माताल ग, पासई पिसित ब, गसि पिशित करंडी कइ, पासिपिसिनि फ, छुटि फ. छुडइ ड, छंडिइ इ, आवइ फ, 'मारि" धीजीवार नथी फमा, मारमार ग. १० उठतिउ बकडग, उठतिल इ, उठतोल फ, भुरइ अक, मृतजनि ब, मृतजनकि ड, शोरि ब, मुखिइ क, पायु ड, दुखिइ ड, देखिइ इ, सुखिइ डइ, कुरणापायु फ, दूखी फ. बिधुर बकडग. "हइ” शबद कमा नी. दुया ही कड, दुरियाही ग, विवच्छा ब, अव्यवस्था इ, छाही व्यवस्था फ, लिभ बिरषि इ, क्यु कग, कियु फ, बरिषद बक, वरिसइ ग, कंति बकग, कंतिइं ड, ससीकीकंती इ, सिसिकोकति फ, उस अंधीआरा बकडफ, उहरीअंधारा इ, हूंति न, उवितई हूंति कइफ, हुंति डग. १२ ससितई क, शशिपलं इ, सिसिनइ फ, ससिथी ग, वरणकता फ, परतख ब, बातदेखें रहयु रहसी इ, सरयइ ब, हुर ग, अइसी डग, पणित अ, परिणति बडग, होवगी क, हुवइगी ड, होवेगी इ, परिणित फ, होवद ते कहस्या फ, १३ मनचीती बक, मनचिंता ड, मनचिती फ, कुयर फ भलग ब, सभावइ बकडइ, चंपकुलिकां अब, मुकलि नयनना इ. राग रामगिरी ब्राह्मण भाव्यउ याचवा सुणि सुंदरी- देशों । सुणी सुदरी बकड, सुणिसुंदर फग, सुकलोणी बकइ, आण इ, सुकलानी 3, कहु बड़ग, कहुए क, कहू इ. २ त्यजइ बडइफ, तजइ ग, छडि बग, किम ठाय कडइफग, जेणई बडइ, माहइ इ, जनजनमाहि ग, हासू ब, हांसू ड, हास्यु इ. ३ रेखमात्रिमिई क. रेषमात्र ड, रिषमात्रमइ फ, ताहेरु ड, दीठ ड, कहो न दीठ इ, कहिइ फ, मेक असंभम ताहरइ वगड, असंभव क, असंभमहरिं इ, अक अचमव ताहरइ फ. हैइ कहइ ड, होयडि इ. हइइफ ५ उहिता जिलन उपजइ कडइ, उपजइ ब, डपडिइ इ, पिणि ड, पण कग, वणि न सरति फ, धरपुरि इ, लोककरि इ. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org |

Loading...

Page Navigation
1 ... 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206