Book Title: Rushidattras
Author(s): Jayvantasuri, Nipuna A Dalal, Dalsukh Malvania
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 154
________________ पाठान्तर १० नोसइ बडग, जोसिइ क, "ओसइ वाटिकूण” इ, तृषत ड, नयन डग, महारी क, अतिहेजिरे बकडइ, अति हेजरे फग, सूनीअसइरे बड, सेमिरे क, सुनीसेजरे ग. ११ क्रीडानां क, तेरूह फ, वियोगिरे ब, वियोगिइरे ड, विजोगिरे ग, आंसूनीरिंई ड. आसूनोरि इ, पूरे फ, पूरि इ, शोषइरे ब, शोकिइरे व, शोकिइरे क, शोषइरे ड, शोकिइरे फ. १२ उनाहाल उ ब, उन्दालु क, रहलवीउ ६, उना हालु ग, वरसालु कग, नीसासिरे इ, नीसासारे ग, अंगि ग, भागई क, सीयालु क, सं आलु ड, सीयालउ इ, सिआलु ग, त्रिभुवन ग, त्रिभोवनि इ. १३ अनुपम बकग, तहारूं इ, वाली देहारे फ, ताहारा क, बोलू बड, बोलु कइग. १४ ससिमृग बग, हरीहंसी इ, सूविनाणारे कग, जाणूं बडग, जाणु कई, सेलेवा क, कारणिइ ग, तेरही ग. १५ नागलोकि बकडइग, तिइं ब, करयूं ड, करूंतई इ, कर्यु तिई ग, जिपवा बकडइग, रंभानो इ, गरव बग, संभारीरे कइफः १६ हूती ब, "तु वनि ताहरइ रमतीहतीं" कम, जगिस्यूं बग, जगिस्यु कडइ, जगिसिउं फ, माहरूं ड, माहारो इ, गु बडग, जु क. १७ लाडिकवाही बकग, लोक तरणीतिई कग, सहो हसइ बकड, सहीहोसइ इ, सहोहसिइ फ. १८ कुपम ब, कुसुम कडग, पारिस्वामिनो ड, परिसामिनि इ, परिसामिनिइ इ, परिसंममिनि फ, परिस्वामीनी ग, हस्वइ ब, हसिइ कफ, हसइ उग, होसइ इ, वहि ब, सीरारे ड, बरह दुख सरीरे फ. १९ इसि स्त्री क, इसी स्त्री इ, अस्यो फ, दया न थाइरे ग, जेगई बडफग, तेहन टालु बकडइग, ठायरे कडइफग. २० क्रीडानां थानक कइ, क्रीडामा थानिक फ, ताहरि क्रिडा ग, सुंदरी इग, पाखि फ. स्यूं ब, स्यु जिवित क, स्यु जिव्युं ड, सुजिवित सिउं फ, स्यूं जिवू ग. २१ विलपी ड, धारिउ बक, धारयु ड, धायुरे बकड, मरिवा धारयुरे फ, कुटबई क. कुटुंब ग, कुटुबि वारीने राखिउ फ, राख्युबकग, मे वारी राख्यु ड, तेणइ तसगुणि जिवलायुरे बकडफ, तेणि तसगुणि जिव लायुरे ग, "इम अतिविलवी...जिवलायउरे" आ आखी कडी इमां नथो. ढाल : २३ राग : केदारू १ हवइ बडग, कामिनि तणा कफ, कामिनीताणा इ, समरइ ड, समरिइफ, समरि गमां बीजीवार नथी, दिनिति ब, दिन र ति क, दिनिशत्ति ड, दिनदिन फ, दुखमरई बकडग, दुखमरि इ, दूखभरइ ग, नवगमिइ क, मवि गमि फ, तेहनी अ, वत्त ब, केहेनी ड, कहनी वत्त इ, कहिनी बात फ, किहनीवात ग. . . वीणानाद ड, मनोहर इ, करि तनु संभाल इ, र हयू बक, रहयु डग, रहउ इ, मेहलइ बकफग, मेहइ ड, मेहे लइ इ, नीसास ग. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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