Book Title: Rushibhaashit Sootraaani
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
View full book text
________________
ऋषि भाषित
प्रत्येकबुद्धभाषितानि ऋषिभाषितसूत्राणि
....... अध्ययन-[८], .........मूलं [१] / गाथा [१] ......... मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित (पूर्वकाले आगमरूपेण दर्शितः) "ऋषिभाषित-सूत्राणि"-मूलं
।[८] 'केतलिपुत्त' अध्ययनं
प्रत
सत्राक
शाषभाका तेषु
उभयण
[१]
आर गुणेण पार एकगुणोणं ते के तलिपुत्तेण इसिणा वुश्तं ॥ इय उत्तमगंधयेथए रहममिया लुप्पंति गाती सयं या छिंद पावए ॥ (सय बोछिय कम्मसंचयं, कोसारकोडे व उहाइ बंधणं । तम्हा एक वियाणिय गंथजालं दुक्ख'दुहावह छिंदिय ठाइ संज मो । सेतु मुणी दुक्खा विमुच्चाइ धुव' सिव' गई उयेइ प्रत्यंतर) ॥ एव सिद्ध बुद्दे ॥८॥ (के)तलिणाम यर्ण अहम ॥ ८॥
गाथा
||१||
दीप
अनुक्रम [८७-८८]
~14~

Page Navigation
1 ... 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67