Book Title: Rushibhaashit Sootraaani
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
View full book text
________________
ऋषि भाषित
प्रत्येकबुद्धभाषितानि ऋषिभाषितसूत्राणि .......... अध्ययन-[९], ........मूलं [१] / गाथा [१-३४]
मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित (पूर्वकाले आगमरूपेण दर्शित:) "ऋषिभाषित-सूत्राणि"-मूलं
[९] 'महाकासव' अध्ययनं (वर्तते)
प्रत सूत्रांक [१] गाथा ||१-३४||
अथिलक्षणसम्मावा, निच्चो सो परमो धुव ।। ३१ ।। दव्यतो खित्तओ बेब, कालतो भावतो तहा। गिच्चाणिच्छतु विष्णेयं, संसारे सव्वदेहिण ॥ ३२ ॥ गंभीर सम्बोभह', सब्वभावविभावण। धण्णा जिणाहिन मागं, सम्म वेदेति भावओ ।। ३३ । एव से सिद्धे बुद्ध०॥ नवमं महाकासवज्झयण ॥ ६॥
---X---X---X---X---X--X---
दीप
अनुक्रम
~17~

Page Navigation
1 ... 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67