Book Title: Rushibhaashit Sootraaani
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 41
________________ ऋषि भाषित प्रत्येकबुद्धभाषितानि ऋषिभाषितसूत्राणि ........ अध्ययन-[२८], ........मूलं / गाथा [१-२५] ........ मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित (पूर्वकाले आगमरूपेण दर्शित:) "ऋषिभाषित-सूत्राणि"-मूलं [२८] 'अद्दईज्ज' अध्ययनं (वर्तते) प्रत सूत्रांक पंडिए य खणे खणे। कालातो कंचणस्सेव , उदारे मलमप्पणो ॥१॥ अंजणस्स खयं दिस्स , वम्मीयस्स य संचयं । मधुस्स य समाहार उज्जमो संजमे वरं ॥२॥ उच्चादीयं विकप्पं तु भावणाए विभावए । ण हेमं दंतक तु, चक्कवट्टीवि खादए ॥३॥ खणथोवमुटुत्तम तरं, सुविहित ! पाउणमप्पकालियं। तस्सवि विपुले फलागमे , किं पुण जे सिद्धि परक्कमे? ॥४॥ ॥ एवं से सिदे ॥२८॥ & अद्दइज्जज्झयण ॥२८॥ ---x---x---x---x--- गाथा ||१-२५|| दीप अनुक्रम [२९९ ३२३] ~41~

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