Book Title: Rushibhaashit Sootraaani
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 59
________________ ऋषि भाषित प्रत सूत्रांक [-] गाथा ॥१-२॥ दीप अनुक्रम [४८९ ४९०] प्रत्येकबुद्धभाषितानि ऋषिभाषितसूत्राणि अध्ययन-[४४] .........मूलं [-] / गाथा [१-२] ......... मुनि दीपरत्नसागरेण पुनः संकलित (पूर्वकाले आगमरूपेण दर्शितः) “ऋषिभाषित-सूत्राणि" -मूलं [४४] 'वरुण' अध्ययनं दाहिं अंगेहि उप्पीटतेहिं आता जस्स ण ओप्पीलति । रागंगे य व दोसे य से हु सम्मं नियच्छती ॥ १ ॥ वरुणेणं अरहता इसि णा बुझतं ॥ एवं से सिद्धे ॥ ४४ ॥ ~59~

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