Book Title: Rushibhaashit Sootraaani
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 13
________________ ऋषि भाषित प्रत्येकबुद्धभाषितानि ऋषिभाषितसूत्राणि ....... अध्ययन-[७], .........मूलं H/ गाथा [१-७] . मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित (पूर्वकाले आगमरूपेण दर्शित:) "ऋषिभाषित-सूत्राणि"-मूलं [७] 'कम्मापुत्त' अध्ययन सत्राक भारत सम्ब' दुक्खायर तुक्ख', दुवख सुऊसुअत्तणं । दुक्खीव दुक्करचरियं, चरित्ता सव्वदुक्ख खवेति तवसा ॥१॥ तमहा अदीणमणसो तुक्खी सम्बदुक्स' तितिक्खेना, सेति कुम्मापुत्तेण अरहता इसिणा वुइयं ॥ २ ॥ जणवादोण तारजा, अस्थित्त' तबसंज मे। समाधि च विराहेति, जे रहुचारियं चरे ॥३॥ आलस्सेणावि जे केड, उस्सुअत्तं ण गच्छति । तेणावि से सुही होइ, किं तु सद्धी परबकमे ॥४॥ आ(ल)स्स तु ॥५॥ परिणाए, जाति(ती)मरणबधयां । उत्तिमट्ठवरग्गाहो, बीरियातो परिचए ॥५॥ काम अकामकामी, अत्तत्ताए परिव्यए । सावज्ज मिरवज्जेण', 1100-६ कुम्मा परिणाए परिव्यए जासित्ति ॥ ६॥ एव से सिद बुझे ॥ ७॥ सत्तम कुम्मापुत्तणामज्भपणे ॥ ७॥ पुत्त फेलि. गाथा ||१-७|| ... कासव दीप अनुक्रम [८०-८६] ~13~

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