Book Title: Report On Search For Sanskrit MSS Year 1882 1883
Author(s): R G Bhandarkar
Publisher: Government Central Book Depot

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Page 138
________________ १७६ | सूर्यशतकं सटीकम् ... ७४ ११ । ३८ | मू.-मयूरः । | टी.-त्रिभुवनः | २३-४१पत्राणि न । अन्ते च कानिचित Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra वर्गः षष्ठः-व्याकरणशास्त्रम्. ३० संपूर्णः | संपूर्ण: For Private and Personal Use Only १७७ कविकल्पदुमः १७८ कारकविचारः १७९ धातुपाठः १८० परिभाषार्थमञ्जरी १८१ सेव १८२ प्राकृतप्रकाशः 133 बोपदेवः ३२ । शेषचक्रपाणिः पाणिनिः संवत् १७३६ संपूर्णः भीमः संपूर्णा. स एव त्रुटिता. मू. वरहाचेः १-< परिच्छेदाः वृत्ति-भामहः असंपूर्णः ईश्वरानन्दः खण्डितम्. पतञ्जलिः प्रथमपादं विना समग्रम. संपूर्णाः कात्यायन: | संवत् १८२६ | संपूर्णः ८४८ नागेशभट्टः संपूर्णा. रामकृष्णभट्टः | संवत् १८४८ षडलिङ्गादि तद्धितान्तम. www.kobatirth.org १८३ प्राकृतसंस्कारः १८४ भाष्यप्रदीपविवरणम् १८५, महाभाष्यं सकैयटम् १८६ मूलपरिभाषाः १८७ वार्तिकपाठः १८८/ वैयाकरणसिद्धान्तमञ्जूषा. १८९| वैयाकरणसिद्धान्तरत्नाकरः- | कौमुद्रीव्याख्या 220422222 । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir

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