Book Title: Report On Search For Sanskrit MSS Year 1882 1883
Author(s): R G Bhandarkar
Publisher: Government Central Book Depot

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Page 171
________________ APPENDIX I.-continued. Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra अनुक्र. पत्र- एठग- पङिगसंख्या.तपाङ्ग ताक्षर- ग्रन्थकतो नाम. लेखनकालः संख्या. संख्या. ग्रन्थनाम. अवशिष्टं किमपि पर्णो पूर्णो वा. माङ्क: For Private and Personal Use Only 166 www.kobatirth.org : :: :: :: :: :: : ५२६ चातुर्मास्यप्रयोगः वाज० ... २६ ५२७| ज्योतिष्टोमःवान०-उत्तरार्द्धः । ५२८ दर्शपूर्णमासपद्धतिः वाज० ५२९ दर्शपूर्णमासहौत्रं वाज० ५३० दर्शपूर्णमासहोत्रं वाज० ५३१ दर्शपूर्णमा सेष्टिः वाज ५३२ निरूढ पशुहोत्रं वाज. ५३३ तदेव. ५३४| पिष्टपशुखण्डनमीमांसा ५३५ पौर्णमासेष्टिः वाज. ५३६ प्रातर्माध्यंदिनसवनं वान. ५३७ श्रीतकर्मप्रयोगाः वान. or of or 9 of Vood खण्डित: खण्डितः देवः शक १६६७ संपूर्णा. नरहरिभट्टः | शक १७६१ / संपूर्णम. शक १७१९ संपूर्णम. ३ पत्रं नास्ति. |शक १७१२ संपर्णम. संपूर्णम् नारायणपण्डितः संपूर्णा. संवत् १८३४ संपूर्णा. ... खण्डितम्. १-४ पत्राणे न सन्ति. १२ । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir

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