Book Title: Report On Search For Sanskrit MSS Year 1880 1881 Author(s): F Kielhorn Publisher: Government Central Book DepotPage 27
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 12. www.kobatirth.org PALM-LEAF MSS. Begins: संप्रति मेरुवक्तव्यनामाह || लोगस्स नाभिभूओ नवनउ सहस्स जोयणुव्विद्धो | मेरुगिरी रयणमओ अवगाढो जोयणसहस्सं || Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Fol. 1246 इति श्रीमलयगिरिविरचितायां क्षेत्रसमासटीकायां जंबूदीपनामाधिकारप्रथमप्रकाशः ॥ Fol. 193a इति मलयगिरिविरचितायां क्षेत्रसमासटीकायां द्वितीयो लवणोदधिनामाधिकार समाप्तः ॥ Fol. 2340 इति . . . तृतीयो धातकीषंडद्दीपनामा अधिकार : समाप्तः || तदेवमुक्ता धातकीषंडवक्तव्यता सांप्रतमेतदनंतर कालोद - वक्तव्यतामाह । Fol. 282a. जिनवचनगतं विषमं भावार्थं यो विवेच्य शिष्येभ्य इत्थमुपादिशदमलं परोपकारैककृतचेताः | तं नमत वोधजलधिं गुणमंदिरमखिलवाग्मिनां श्रेष्ठ चरणश्रियोपगूढं जिनभद्रगणिक्षमाश्रमणं । Fol. 2826. इममतिगंभीरतरं क्षेत्रसमासं विवृण्वता कुशलं यदवापि मलगिरिणा सिद्धिं तेनाश्रुतां लोकः || Ends : इति श्रीमलयगिरिविरचिता क्षेत्रसमासटीका पारमुपागतेति || मंगलं महाश्री : || शुभं भवतु लेखकपाठकयोः || 17. Gaudavaha [ गउडवह ] of VÁKPATIRĀJA (Kairáyalamchhanassa Vappaïrâyassa). III leaves. Two leaves are numbered 69, and of them 69, I appears more modern than the rest of the MS. The leaves are numbered with the numeral figures on the right, and with letters on the left hand side. Size of leaves 131⁄2 X 2 inches. Lines on a page 4 to 5. Aksharas in a line 50 to 55. For Private and Personal Use OnlyPage Navigation
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