Book Title: Report On Search For Sanskrit MSS Year 1880 1881
Author(s): F Kielhorn
Publisher: Government Central Book Depot

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Page 46
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir PALM-LEAF MSS. 31 तस्यांतेवासिना भूत्वा श्रीयशोदेवसूरिणा । सुशिष्यपार्श्वदेवस्य साहाय्यात्प्रस्तुता मया ॥ ४ ॥ श्रुतोपयोगोऽशुभकर्मनाशनो विपक्षभावप्रतिवंधसाधनः । परोपकारश्च महाफलावहो विचिंत्य चैतद्विहितोयमुद्यमः॥५॥ पिंडविशुद्धिप्रकरणवृत्तिं कृत्वा यदवाप्नं मया कुशलं । तेनाभवमपि भूयाद् भगवद्वचने ममाभ्यासः ॥ ६ ॥ श्रुतहेमनिकषपट्टैः श्रीमन्मुनिचंद्रसूरिभिः पूज्यैः । संशोधितेयमखिला प्रयत्नतः शेषविवुधैश्च ॥७॥ ।। ।। ग्रंथागं २८०० ॥ षटाजींदुहिमांशुभिः परिमिते वर्षे गते विक्रमानिष्पन्नेयमिति || संवत् विक्रम १३ वर्षशतेषु पुस्तिकेयं लिखिता ॥ 48. Prajnapanapradesavyakhya. [प्रज्ञापनाप्रदेशव्याख्या] by HARIBHADRA. . 97 leaves, the first two of which are broken. The leaves are numbered with the numeral figures on the right, and with letters on the left hand side. Each page is divided into three columns. Size of leaves 22 X 2 inches. Lines on a page 5 to 6. Aksharas in a line 120. Ends : समाप्ता चेयं प्रज्ञापनाप्रदेशव्याख्यति ॥ आचार्यजिनभटस्य हि सुसाधुजनसेवितस्य शिष्येण । जिनवचनभावितमतेर्वृत्तवतस्तत्प्रसादेन ॥ किंचित्प्रक्षेपसंस्कारद्वारेणैवं कृता स्फुटा । आचार्यहरिभद्रेण टीका प्रज्ञापनाश्रया ॥ 49. Pramananayatattvalokalamkara [प्रमाणनयतत्त्वालोकालंकारः]. ___Fragments of about 100 leaves, numbered with the numeral figures on the right, and with letters on the left hand side. For Private and Personal Use Only

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